नई दिल्ली,ईरान ने सैन्य हमलों के दौरान उसके साथ खड़े रहने के लिए भारत के प्रति आभार जताया. इजराइल ने उसके खिलाफ हमला किया था जबकि बाद में अमेरिका ने भी उसके परमाणु ठिकानों पर भीषण बमबारी की.
ईरानी दूतावास ने एक बयान में कहा कि वह तेहरान का साथ देने वालों के वास्तविक और अमूल्य समर्थन की सराहना करता है. हालांकि, इसने भारत सरकार का कोई संदर्भ नहीं दिया. अमेरिका द्वारा रविवार सुबह ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बमबारी के बाद ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष बढ़ गया.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ईरान और इजराइल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की. बुधवार को युद्ध विराम लागू होता दिख रहा है. अपनी प्रतिक्रिया में नई दिल्ली ने मंगलवार को संघर्ष विराम का स्वागत किया और कहा कि वह स्थिति को सुलझाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
ईरानी दूतावास ने भारत के सभी स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों जो ईरान के साथ दृढ़ता और मुखरता से खड़े हैं उनके प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया. स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों में राजनीतिक दल, संसद सदस्य, गैर-सरकारी संगठन, धार्मिक और आध्यात्मिक नेता, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, मीडिया के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता और सभी व्यक्ति और संस्थान शामिल हैं.
दूतावास ने कहा कि एकजुटता, समर्थन, सार्वजनिक बयानों और शांति-उन्मुख समारोहों में सक्रिय भागीदारी के संदेश जब ईरानी लोग सैन्य हमले के अधीन थे, गहरे प्रोत्साहन का एक स्रोत थे. इस आक्रामकता के सामने ईरानी लोगों की दृढ़ता न केवल उनकी मातृभूमि और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा थी, बल्कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर, मानवतावादी सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों के गंभीर उल्लंघन के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक था.
दूतावास की ओर से आगे ये भी कहा गया कि ईरान के लोगों के साथ राष्ट्रों की एकजुटता केवल एक राजनीतिक रुख नहीं है, यह न्याय, वैधता और वैश्विक शांति के सार्वभौमिक मूल्यों की पुष्टि है. ईरान ने लगातार अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने और विस्तारवादी और आक्रामक नीतियों का विरोध करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. दूतावास ने कहा, हम दृढ़ता से मानते हैं कि राष्ट्रों की एकता और एकजुटता युद्ध, हिंसा और अन्याय के खिलाफ एक शक्तिशाली रक्षात्मक दीवार के रूप में काम करती है.