इसरो ने शुरू की स्पैडेक्स-2 मिशन की तैयारी

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-देश की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम
नईदिल्ली, अंतरिक्ष में 2 उपग्रहों को सफलतापूर्वक एक साथ लाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने दूसरे स्पैडेक्स मिशन की योजना तैयार कर रही है। इस बार 2 उपग्रहों को अंडाकार कक्षा में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह देश की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। पहला स्पैडेक्स मिशन सफल रहा था, जिसमें 220 किलोग्राम के 2 सेटेलाइट्स 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक गोलाकार कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हुए थे।
आगामी स्पैडेक्स-2 मिशन और भी अधिक चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि, इसमें दीर्घवृत्ताकार कक्षा में डॉकिंग शामिल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि, उपग्रहों का प्रक्षेप पथ और वेग दीर्घवृत्ताकार कक्षा में बदलता रहता है, जिससे एक बिंदु के लिए की गई गणना कुछ मिनटों के बाद बदल जाती है। मामले से परिचित एक वैज्ञानिक ने कहा, एक वृत्ताकार कक्षा में डॉकिंग दीर्घवृत्ताकार कक्षा में डॉकिंग की तुलना में बहुत आसान है। स्पैडेक्स-2 मिशन को चंद्रयान-4 के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
16 जनवरी को शुरू हुए पहले स्पैडेक्स मिशन में 2 उपग्रहों को एक-दूसरे के तब करीब लाया गया, जब तक कि वे सफलतापूर्वक डॉक नहीं हो गए। इस प्रयोग ने उपग्रहों के बीच शक्ति साझा करने और एक यूनिट के रूप में कमांड प्राप्त करने की क्षमता को भी दिखाया। इससे भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में डॉकिंग क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
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