इस्तीफा दें सीएम, राजभवन में देंगे दस्तक: देवेंद्र यादव
देहरादून। कांग्रेस को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से संबंधित मामले में हाईकोर्ट के सीबीआइ जांच के आदेश से नया मुद्दा मिल गया। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर ताबड़तोड़ हमले बोले। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राजभवन में भी दस्तक देगी। सरकार के जीरो टलरेंस पर सवाल उठाती रही कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपकने में देर नहीं लगाई।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बुधवार को पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मीडिया से मुखातिब हुए। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि जीरो टलरेंस का दावा करने वाली सरकार का असली चेहरा सामने आ गया। कांग्रेस पहले से ही सरकार की कथनी और करनी में अंतर को लेकर जनता को आगाह करती रही है। उन्होंने कहा कि 2016 में झारखंड प्रभारी रहते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के परिवार और करीबियों के खाते में धन ट्रांसफर का मामला बेहद गंभीर है। सरकार ने इन आरोपों को नकारा और आरोप लगाने वाले के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी। अब हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ जांच और दो दिन में एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पद का फायदा उठाकर आरोप लगाने वाले को ही दबाने की कोशिश की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर इन गंभीर आरोपों की जांच आवश्यक हो गई है। निष्पक्ष जांच और स्वच्छ प्रशासन के लिए मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र रावत को इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी यही अपेक्षा है। मुख्यमंत्री को पद पर रहने का अधिकार नहीं है। राज्यपाल से भी यह मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल से अपेक्षा है कि वह न्याय के पक्ष में खड़े हों। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट का निर्णय एतिहासिक है। कांग्रेस लोकायुक्त, भ्रष्टाचार के अन्य मामलों को लेकर सरकार की जीरो टलरेंस की असलियत सदन से लेकर सड़कों पर जनता के सामने रखती रही है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। इस मौके पर प्रदेश सहप्रभारी राजेश धर्माणी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी मौजूद थे।