स्मारक और राष्ट्रीय महत्व के स्थानों का संरक्षण करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य : डॉ. नारायण
जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर गढ़वाल : इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट गढ़वाल क्लब के तत्वावधान में शुक्रवार को एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य वक्ता डॉ. योगेन्द्र नारायण पूर्व महासचिव राज्यसभा एवं कुलाधिपति गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय धरोहरों को दो रूप से खतरा है एक खतरा मनुष्य के हस्तक्षेप से व दूसरा जलवायु परिवर्तन से। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 49 और मूल कर्तव्य में भी स्मारक तथा राष्ट्रीय महत्व के स्थानों का संरक्षण करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है तथा अपने कर्तव्य का पालन करते हुए हम विरासत स्थल को संरक्षित कर सकते हैं।
ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. योगेन्द्र नारायण ने कहा कि गढ़वाल की ऐतिहासिक विरासत में जैसे ऐतिहासिक भवन, गीत, वाद्य यंत्र, कला, शिल्प, संस्कृति आदि का संरक्षण करना हर नागरिक का कर्तव्य है क्योंकि अपनी ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण करना हमारा राष्ट्रीय फर्ज है। गढ़वाल हेरिटेज क्लब एक ऐसा क्लब है जिसमें हम अपने गढ़वाल के ऐतिहासिक भवन, विरासत, सांस्कृतिक परंपरा, गीत, लोक कलाएं, हस्त शिल्प आदि का संरक्षण करके उनको एक डॉक्यूमेंट्री के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं। इन विरासतों के संरक्षण करने के लिए सीएसआर फंड देगी। जिससे हम इन विरासतों को आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित कर सकते हैं। डॉ. नारायण ने बताया कि विरासत दो प्रकार की होती हैं मूर्त और अमूर्त, मूर्त में वह विरासतें आती हैं जिनको हम छू सकते हैं देख सकते हैं तथा अमूर्त में गीत, कला, शिल्प आदि को सम्मिलित कर सकते हैं। इससे पूर्व प्रोफेसर एम.एम. सेमवाल ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि ग्रामीण विरासत का संरक्षण और पोषण सतत विकास के आधार की नींव हैं। कहा कि ट्रस्ट का उद्देश्य हमारे पारंपरिक विरासत का दस्तावेजीकरण कर उनका संरक्षण करना तथा आम जनमानस के बीच इन विरासतों के प्रति जागृति को उत्पन्न करना है। जिससे हमारी धरोहरें सुरक्षित रहें। बैठक में प्रोफेसर यूसी गौरोला, डॉ. देवकृष्ण, डॉ. मनीष मिश्रा, डॉ. राखी पंचोला, डॉ. नागेन्द्र, डॉ. मीना सेमवाल, मनीष, आयुषी, विदूषी, सीता रमोला, दीपक, मंयक, अंकित, अनिल सैनी आदि उपस्थित थे।