पिथौरागढ़। दर-सोबला मार्ग पर क्षतिग्रस्त सड़क और पुल के सुधारीकरण को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन गुरुवार को छठें दिन भी जारी रहा। आंदोलनकारियों ने प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि छह माह बाद भी रोड और पुल का ठीक न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। नगर के तहसील परिसर में गुरुवार को इंद्र सिंह ग्वाल, पार्वती ग्वाल, संगीता ग्वाल, भारती ग्वाल ने धरना दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़क और पुल को सुधारने के लिए भी ग्रामीणों को धरना देना पड़ रहा है। चल के उपप्रधान दिनेश चलाल ने कहा कि सोबला में बना बैली ब्रिज अगस्त 2023 से क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा दर में सड़क का 500मीटर हिस्सा भू-धंसाव होने से क्षतिग्रस्त है। लगातार वह सड़क और बैलीब्रिज के सुधारीकरण की मांग उठा रहे हैं, लेकिन प्रशासन गंभीरता नहीं दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी दो माह बाद दारमा घाटी के 14 गांवों का माइग्रेशन काल शुरू हो जायेगा। सोबला पुल के आसपास बनाया गया अस्थाई सड़क मार्ग जोखिम भरा है। उक्त सड़क को चौड़ा किया जाना बेहद जरूरी है।
आंदोलन को इन्होंने दिया समर्थन
नारायण दरियाल, जीवन मर्छाल, हीरा ग्वाल, इंद्र ग्वाल, मनोज नगन्याल, छोरी देवी, शान दुग्ताल, जीवन ग्वाल, मनोज ग्वाल, मुकेश ग्वाल, गंगा ग्वाल, दिनेश चलाल महिमन सिंह ह्यांकी, अरविंद सिंह बोनाल, प्रेमा कुटियाल, अमर सिंह बनग्याल।