जीवन का मर्यादा पूर्ण होना बहुत जरूरी : मुकेश चतुर्वेदी

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भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया, झूमे श्रद्धालु
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सिद्धपीठ एकेश्वर महादेव मंदिर में एकेश्वर मंदिर कल्याण समिति की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद रही। इस दौरान बधाई गीतों से शुरू हुए कार्यक्रम के तहत शनिवार को पुतना वध एवं भगवान के नामकरण की कथा संपन्न हुई। कथावाचक आचार्य मुकेश चतुर्वेदी ने कहा कि व्यक्ति अपने कर्मों से महान बनता है। जीवन का मर्यादा पूर्ण होना बहुत जरूरी है। मर्यादा के बिना जीवन निरर्थक है।


कथावाचक आचार्य मुकेश चतुर्वेदी ने भगवान की लीलाओं के प्रसंग का बड़े ही मार्मिक तरीके से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण का कंस के कारागार में हुआ था। श्रीकृष्ण का जन्म होते ही कारागार के ताले स्वयं खुल गए। बंदी रक्षक गहरी नींद में सो गए। देवकी और वासुदेव की हथकड़ी व बेड़ियां खुल गईं। वासुदेव जब कृष्ण को अपने मित्र नंद बाबा के घर ले जा रहे थे, रास्ते में उन्हें यमुना नदी को पार करना था। उन्होंने जैसे ही यमुना नदी में प्रवेश किया तो नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। वासुदेव ने अपने पुत्र को पानी से बचाने के लिए उन्हें दोनों हाथों से ऊपर उठा लिया। फिर भी यमुना का जलस्तर निरंतर बढ़ता रहा। भगवान कृष्ण ने यमुना जी के मंतव्य को समझ लिया और अपना पैर निकालकर यमुना के जल से स्पर्श किया। इसके बाद यमुना जी साधारण रूप में आ गईं और वासुदेव नदी पार कर नंद बाबा के घर पहुंचे। इस मौके पर हरिओम शाह, धीरज सिंह रावत, हरेंद्र सिंह पंवार, सतेन्द्र सिंह पंवार, दिनेश सिंह पंवार, पंडित राकेश हिंदवान, कृष्ण कांत, नरेश पसबोला, अंकित बहुखण्डी, हिमांशु बहुखण्डी, सौरभ सिलमाना, मंदिर समित के अध्यक्ष कुलदीप जोशी, प्रकाश चन्द्र जदली, तेजपाल सिंह पंवार, हरीश बडोला, सुनील रावत, प्रेम पाण्डेय, नवल किशोर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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