उत्तराखंड

देवप्रयाग में दस माह से चालू नहीं हो पाई आईटीआई

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नई टिहरी। बीते वर्ष 11 मई को शांता नदी में आई आपदा में ध्वस्त तीन मंजिला भवन में संचालित आईटीआई दस माह भी चालू नहीं हो पाई। जिसके कारण नये सत्र में प्रवेश भी नहीं हो पाए, वहीं स्टाफ को मुनिकीरेती आईटीआई से संबद्घ कर दिया गया है।
सन् 1992 में क्षेत्रीय जनता के आंदोलन के बाद देवप्रयाग में आईटीआई की शुरूआत हुई थी, जो लंबे समय तक किराये के भवन में संचालित हुआ। वर्ष 2002 में नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रवाल के कार्यकाल में बने बहुद्देशीय भवन में आईटीआई को शिफ्ट किया गया, जिसमें तीन ट्रेड इलेक्ट्रनिक, स्टेनो और सिलाई-कढ़ाई के साथ संचालित होता था। प्रभारी सहित चार अनुदेशक तथा छह अन्य स्टाफ वर्तमान में कार्यरत हैं। 11 मई 2021 को शांता नदी में आई आपदा में आईटीआई का तीन मंजिला भवन जमीजोद होने के साथ लाखों के उपकरण भी बह गये। 12 मई को सीएम तीरथ सिंह रावत, काबिना मंत्री सुबोध उनियाल, ड़ धनसिह रावत आदि देवप्रयाग का दौरा किया। सीएम द्वारा डीएम टिहरी को आईटीआई निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध होने तक किराये के भवन में संचालित करने के निर्देश दिये गए। मगर सीएम तीरथ सिंह रावत जाते ही उनके निर्देश ठंडे बस्ते में चले गए, आईटीआई के करीब 70 छात्रों के भविष्य के साथ स्टाफ भी अधर में लटक गया।
आधे स्टाफ का तबादला कर दिया गया, शेष स्टाफ को भवन उपलब्ध होने तक आईटीआई मुनिकीरेती में उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश दे दिया गये। काफी हो हल्ले के बाद विधायक विनोद कंडारी ने मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि आईटीआई को देवप्रयाग तहसील के समीप खाली पड़ी मौसम वेधशाला के भवन में चलाया जायेगा। उधर देवप्रयाग नगरपालिका अध्यक्ष केके कोटियाल ने भुइट गांव में आईटीआई भवन हेतु उपलब्ध भूमि के अधिग्रहण हेतु शासन को पत्र भेजे जाने की बात कही है। फिलहाल शासन प्रशासन की उपेक्षा से इस वर्ष आईटीआई देवप्रयाग में किसी नये छात्र का प्रवेश नहीं हो पाया, जिससे क्षेत्र के युवाओं ने निराशा है।

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