खेल

जडेजा 300+ टेस्ट विकेट लेने वाले बाएं हाथ के पहले भारतीय स्पिनर

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-विटोरी-वॉर्न की इस सूची में शामिल
कानपुर,  भारत और बांग्लादेश के बीच कानपुर में खेले जा रहे टेस्ट में रवींद्र जडेजा ने कहर बरपाते हुए तीन विकेट ले लिए हैं। उन्होंने मैच के पांचवें दिन बांग्लादेश की दूसरी पारी में तीन विकेट झटके। जडेजा ने बांग्लादेशी कप्तान नजमुल हुसैन शांतो (19), लिटन दास (1) और शाकिब अल हसन (0) को पवेलियन भेजा। उनके कुल टेस्ट विकेट की संख्या 303 हो गई है। जडेजा ने 300 का आंकड़ा बांग्लादेश की पहली पारी के दौरान छुआ था। उन्होंने खालिद अहमद को आउट कर यह उपलब्धि हासिल की थी। जडेजा इसी के साथ टेस्ट में 300 विकेट लेने वाले पहले बाएं हाथ के भारतीय स्पिनर बन गए हैं। उनसे पहले छह भारतीय गेंदबाजों ने 300 या उससे ज्यादा विकेट लिए हैं, लेकिन इनमें कोई भी बाएं हाथ का स्पिनर नहीं है।
जडेजा से पहले अनिल कुंबले (दाएं हाथ के लेग स्पिनर), आर अश्विन (दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर), कपिल देव (दाएं हाथ के तेज गेंदबाज), हरभजन सिंह (दाएं हाथ के स्पिनर), ईशांत शर्मा (दाएं हाथ के तेज गेंदबाज) और जहीर खान (बाएं हाथ के तेज गेंदबाज) ने 300 से ज्यादा टेस्ट विकेट लिए हैं। जडेजा इस लिस्ट में एंट्री पाने वाले लेटेस्ट गेंदबाज हैं और वह पहले बाएं हाथ के स्पिनर हैं। जडेजा के बाद बिशन सिंह बेदी का नंबर आता है और उन्होंने 266 विकेट लिए थे।
इतना ही नहीं जडेजा टेस्ट में 3000 से ज्यादा रन बनाने और 300 से ज्यादा विकेट लेने वाले चौथे स्पिन बॉलिंग ऑलराउंडर हैं। उनसे पहले डेनियल विटोरी, आर अश्विन और शेन वॉर्न ऐसा कर चुके हैं। विटोरी ने टेस्ट में 4531 रन बनाए थे और 382 विकेट लिए थे। वहीं, अश्विन ने 3423 रन बनाए हैं और 527 विकेट लिए हैं। शेन वॉर्न के नाम टेस्ट में 3154 रन और 708 विकेट हैं। जडेजा 3130 रन बना चुके हैं और 303 विकेट ले चुके हैं।
वह इस प्रारूप में 300 विकेट और 3000 रन पूरे करने वाले 11वें खिलाड़ी बन गए। वहीं, ऐसा करने वाले वह भारत के तीसरे खिलाड़ी हैं। जडेजा से पहले भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव (434 विकेट और 5248 रन) और दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (522 विकेट और 3422 रन) यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। कानपुर टेस्ट की बात करें तो भारत ने बांग्लादेश को 233 के स्कोर पर समेट दिया था और फिर आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए 34.4 ओवर में नौ विकेट पर 285 रन बनाए और फिर 52 रनों की बढ़त के साथ पारी घोषित की। इसी के साथ भारत ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज 50, 100, 150, 200 और 250 रन दर्ज किए।
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