रिसोर्ट में बनी थी जेल और देता था पुलकित सजा़.
देहरादून। मेहमानों के सामान गायब होते थे तो कर्मचारियों पर इल्जाम लगाया जाता था। इसके बाद कर्मचारियों को सजा दी जाती थी।
सजा देने के लिए उन्होंने एक कमरे को जेल बनाया था। इस कमरे में कर्मचारी को बंद कर दिया जाता और उसे यातनाएं तक दी जाती थीं।
अंकिता हत्याकांड को लेकर एसआईटी लगातार रिजर्ट में जाकर पड़ताल कर रही है तो हर रोज नये नये खुलासे हो रहे हैं। यहां से वारदात में इस्तेमाल किया गया स्कूटर और मोटरसाइकिल को भी कब्जे में लिया गया। एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगशन भी बीती रोज रिजर्ट में पहुंचे थे। फोरेंसिक टीम ने भी वहां से कुछ नमूनों को इकट्ठा किया। इसके अलावा एसआईटी ने रिजर्ट से काम छोड़कर जा चुके कर्मचारियों और अंकिता के दोस्त पुष्प को भी बयानों के लिए बुलाया है। इनमें पांच महिलाएं बताई जा रही हैं। वहीं, दूसरी ओर, पुलकित के रिजर्ट में क्या-क्या होता था, वह सब एक-एक कर सामने आ रहा है। अब यहां काम कर चुके कर्मचारी दंपती ने भी इस रिजर्ट के कई राज खोले हैं। बताया है कि उन्होंने काम इसीलिए छोड़ा था कि रिजर्ट में बहुत गंदे काम होते थे। रिजर्ट में जिस्मफरोशी से लेकर चरस, गांजे और शराब की पार्टियां होती थीं। हर तरह का नशा वहां पर मिलता था। बड़े-बड़े शहरों के लोग यहां आकर पार्टियां करते थे, जिन्हें शराब के साथ-साथ शबाब भी परोसा जाता था। एसआईटी प्रभारी का कहना है कि मेरठ में रहने वाले इस दंपती के भी बयान दर्ज किए जाएंगे।
हत्याकांड के खुलासे के चार दिन बाद रिजर्ट में काम करने वाले मेरठ निवासी विवेक भारद्वाज और उनकी पत्नी इशिता भी मीडिया के सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि वह करीब छह महीने पहले इस रिजर्ट में नौकरी करने गए थे। इशिता को वहां पर फ्रंट अफिस में मैनेजर का पद दिया गया था। जबकि, विवेक भारद्वाज को रूम सर्विस मैनेजर बनाया गया था। पति-पत्नी ने बताया कि वहां पर हो रहे कामों से वह बहुत परेशान हो गए थे। आए दिन नशे की पार्टियां होती थीं। लड़कियां लाई जाती थीं। इनकी कोई एंट्री अफिस में नहीं की जाती थी।
बाहर से आने वाले लोग वहां पर अजीब तरह की मांग करते थे। यह पूरा माहौल देखकर उन्होंने नौकरी छोड़ने का मन बना लिया। पूरा एक महीना काम करने के बाद वह वापस अपने घर चले गए। इसके बाद पुलकित, अंकित और सौरभ तीनों का बारी-बारी से उन्हें बुलाने के लिए फोन आया।
कहने लगे कि सब काम बंद कर दिया जाएगा। नौकरी पर वापस आ जाओ। उनकी बातों पर विश्वास कर वह फिर से वापस आ गए। लेकिन, यह सब काम बदस्तूर चलता रहा। दंपती का कहना है कि उन्होंने विरोध किया और अपनी सैलरी मांगी। मगर, तीनों ने उन पर रिजर्ट से स्पीकर चोरी का इल्जाम लगा दिया।
दंपती का आरोप है कि उन्होंने पुलिस को इसकी शिकायत की। पुलिस ने कहा कि राजस्व क्षेत्र है। राजस्व क्षेत्र के पटवारी को फोन किया तो वह उन्हें ही धमकाने लगा। आरोप है कि एक दिन पटवारी रिजर्ट में आया और दोनों पर ही आरोप लगाने लगा। इसके बाद एक दिन दंपती मौका पाकर वहां से निकल आए। एसआईटी प्रभारी डीआईजी पी रेणुका देवी ने बताया कि सारे साक्ष्य एक-एक कर इकट्ठा किए जा रहे हैं। कुछ कर्मचारियों के बारे में भी पता चला है, जिन्होंने रिजर्ट के बारे में तमाम बातें बताई हैं। मेरठ निवासी इस दपंती के बयान भी जल्द दर्ज किए जाएंगे। इशिता का कहना है कि पुलकित वहां पर आने वाली हर लड़की पर बुरी नजर रखता था। उसने कभी उससे कोई गंदा काम करने के लिए कहा तो नहीं, लेकिन शायद उसके मन में यह बात जरूर थी। एक दिन उसने कर्मचारी को कहा कि इशिता को बुलाकर लाओ।
लेकिन, उसका पति नहीं होना चाहिए। इस पर कर्मचारी ने ही खुद कह दिया कि इशिता की ड्यूटी का समय खत्म हो गया है। इशिता का तो यहां तक कहना है कि अंकित गुप्ता वहां पर अकसर लड़कियां लाता था। वह इशिता पर भी बुरी नजर रखता था। इस बात के कई बार उसने इशारे किए।
इशिता और विवेक भारद्वाज बताते हैं कि पुलकित और उसके दोस्तों की अलग ही दुनिया थी। रिजर्ट पर जैसे वह तानाशाह की तरह काम करते थे। यहां आने वाले मेहमानों के सामान गायब होते थे तो कर्मचारियों पर इल्जाम लगाया जाता था। इसके बाद कर्मचारियों को सजा दी जाती थी।
सजा देने के लिए उन्होंने एक कमरे को जेल बनाया था। इस कमरे में कर्मचारी को बंद कर दिया जाता और उसे यातनाएं तक दी जाती थीं। चोरी का इल्जाम लगाने के बाद उन्हें भी इस कमरे में बंद करने को कहा गया था। मगर, वह किसी तरह वहां से भाग निकले।