कराची , पाकिस्तान की राजनीति में तनाव बढ़ता जा रहा है। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती दिखाई दे रही हैं। कई विपक्षी दलों के नेता और सांसद अब खुलकर सेना के समर्थन में सामने आए हैं और इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (क्कञ्जढ्ढ) पर राज्य विरोधी बयानबाजी का आरोप लगाया है।
डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि पीटीआई राज्य संस्थानों को बदनाम करने और देश विरोधी नैरेटिव फैलाने की कोशिश कर रही है। यह प्रतिक्रिया उस समय सामने आई, जब पीटीआई ने सेना के जनसंपर्क विभाग (ढ्ढस्क्कक्र) की प्रेस ब्रीफिंग पर आपत्ति जताई थी, जिसमें प्रवक्ता ने इमरान खान को आत्ममुग्ध और मानसिक रूप से अस्थिर करार दिया था। ढ्ढस्क्कक्र प्रवक्ता ने चेतावनी दी थी कि सेना को निशाना बनाकर इमरान खान देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे हैं।
पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्सÓ पर कहा कि इमरान खान के बयान गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं, जो अर्थव्यवस्था और राज्य संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि ऐसी बयानबाजी से राष्ट्रीय एकता प्रभावित होती है और सेना पर जनता का भरोसा कमज़ोर पड़ सकता है — जबकि सेना देश की सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
डॉन के अनुसार, एमक्यूएम-पी के शीर्ष नेतृत्व ने भी पीटीआई की तीखी आलोचना की है। एमक्यूएम-पी के प्रमुख खालिद मकबूल सिद्दीकी ने कहा कि पीटीआई जवाब देने के संस्थागत और संवैधानिक विकल्पों का उपयोग करने के बजाय सड़कों पर आंदोलन कर देश में अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रही है। उनका कहना था कि आरोपों की राजनीति जारी रखकर पीटीआई लोकतांत्रिक दायरे से भटक गई है।