इस्लामाबाद , भारतीय सुरक्षा बलों के ‘ऑपरेशन सिंदूर में भारी नुकसान झेलने के बाद, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (छ्वद्गरू) ने भारत के खिलाफ एक नई और खतरनाक साजिश रची है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, जैश ने अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए पहली बार महिला आतंकियों की एक अलग शाखा ‘जमात-उल-मोमिनात का गठन किया है। चिंता की बात यह है कि इस महिला विंग की कमान जैश सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर को सौंपी गई है।
सूत्रों के अनुसार, सादिया अजहर का पति यूसुफ अजहर ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमले में मारा गया था। माना जा रहा है कि इस महिला दस्ते का गठन जैश को हुए नुकसान का बदला लेने और नए सिरे से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया है। यह जैश की विचारधारा में एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि अब तक यह संगठन महिलाओं को सीधे तौर पर लड़ाकू अभियानों में शामिल करने के खिलाफ था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस महिला विंग के लिए भर्ती पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित मरकज उस्मान-ओ-अली से शुरू हो गई है। जैश अपने कमांडरों की पत्नियों के अलावा, कराची, मुजफ्फराबाद, कोटली और मनसेहरा जैसे शहरों में स्थित अपने केंद्रों में पढ़ने वाली आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब महिलाओं को निशाना बना रहा है और उन्हें संगठन में शामिल कर रहा है।
यह भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती है, क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद 2001 के संसद हमले और 2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले जैसी कई बड़ी आतंकी वारदातों में शामिल रहा है। महिला आतंकियों के दस्ते का गठन सुरक्षा बलों के लिए एक नई तरह की चुनौती पेश कर सकता है, क्योंकि यह ढ्ढस्ढ्ढस् और हमास जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों की कार्यप्रणाली से मेल खाता है।