जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त को बड़ी वारदात की फिराक में पाक प्रशिक्षित आतंकी, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
नई दिल्ली। पांच अगस्त को अनुच्टेद 370 और 35ए को निरस्त होने की पहली सालगिरह पर पाक प्रशिक्षित आतंकी जम्मू-कश्मीर में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद राज्य में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। इस साल अमरनाथ यात्रा को रद्द करने के पीटे कोरोना संक्रमण के साथ-साथ आतंकी हमले की आशंका भी एक अहम वजह है।
जम्मू-कश्मीर से जुड़े केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आइएसआइ की ओर से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों पर पांच अगस्त को कुछ बड़ा करने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। इस संबंध में स्पष्ट खुफिया इनपुट मिले हैं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल आतंकी किसी बड़े वारदात को अंजाम देने की स्थिति में हैं। ऐसे में वे विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों या राजनीतिक नेताओं को निशाना बना सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों को इसके लिए मुस्तैद कर दिया गया है।
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले साल पांच अगस्त के बाद कड़ी सुरक्षा और कर्फ्यू के कारण पाकिस्तान समर्थित आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। इसके बाद अप्रैल के बाद गर्मियों में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में हमला तेज करने की योजना बनाई थी, लेकिन पहले से मुस्तैद सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया। यहां तक कि पुलवामा की तरह विस्फोटक से लदी कार से भी हमले की योजना थी, जिसे समय रहते पकड़ लिया गया। सुरक्षा एजेंसियां न सिर्फ आतंकी हमलों को रोकने में काफी हद तक सफल रही है, बल्कि अभी तक मुठभेड़ों में 130 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है।
सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने और स्थानीय युवाओं के आतंकी संगठनों में भर्ती में भारी कमी आने के बावजूद 150 से 200 आतंकी घाटी में अब भी सक्रिय हैं और उन्हें पनाह देने वाला तंत्र भी बना हुआ है, लेकिन समस्या यह है कि सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ और हथियारों की आपूर्ति काफी हद तक रोकने में सफलता मिली है।
यहां तक कि कश्मीर में सक्रिय आतंकी भी हथियारों की कमी से जूझ रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले दिनों कुछ मुठभेड़ों में दो-तीन आतंकी मारे गए, लेकिन उनके पास से हथियार एक ही मिले थे। पाकिस्तान पंजाब के रास्ते या फिर ड्रोन से हथियारों को भेजने की कोशिश में जुटा है। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यदि पांच अगस्त को आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके, तो उनका मनोबल तोड़ने काफी हद तक सफलता मिल सकती है।