जिला नियोजन समितियों के चुनाव मई में होंगे
नैनीताल। हाईकोर्ट ने गुरुवार को भी प्रदेश में जिला नियोजन समितियों (डीपीसी) के चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सरकार डीपीसी का चुनाव मई माह में कराने जा रही है। इस पर खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए सितम्बर की तिथि नियत कर दी है। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। जिला पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट की ओर से मामले में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा है कि सरकार प्रदेश में जिला नियोजन समितियों के चुनाव नहीं करा रही है। चुनाव आयोग की ओर से भी सरकार को डीपीसी के चुनाव संपन्न कराने के लिए कहा गया था, लेकिन सरकार की ओर से कोविड महामारी का हवाला देते हुए अभी तक चुनाव नहीं कराने की बात कही गई है। जबकि कई जगहों में डीपीसी के निर्विरोध चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं। बीते बुधवार को सरकार की ओर से न्यायालय के समक्ष शपथपत्र पेश कर कहा गया कि डीपीसी के चुनाव सरकार हरिद्वार के पंचायत चुनावों के बाद कराने को तैयार है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की थी। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि चुनाव नहीं होने से प्रदेश के 12 जिलों का विकास कार्य ठप पड़ा हुआ है। जो विकास कार्य के लिए बजट आ रहा है, उसे जिलाधिकारी खर्च कर रहे हैं। जबकि यह बजट डीपीसी के सदस्यों द्वारा अपने क्षेत्र के विकास के लिए खर्च करना होता है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सरकार डीपीसी का चुनाव मई माह में कराने जा रही है।