जिला योजना के लिए जारी 110 करोड़ रुपये के बजट पर लगी रोक
नैनीताल। हाईकोर्ट ने जिला योजना मद में सरकार की ओर से जारी 110 करोड़ रुपये निकालने पर रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह प्रकरण
में चुनाव आयोग से राय मशविरा करे। उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य प्रदीप भट्ट की ओर से मामले में जनहित
याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास बहुगुणा ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश में जिलों में विकास
योजनाओं के संचालन के लिए संविधान की धारा 243 जेड के तहत जिला योजना समिति (डीपीसी) का गठन जरूरी है।
इसमें तीन चौथाई सदस्य नगर निगम, नगर पालिका और जिला पंचायतों से चुने जाते हैं जबकि एक चौथाई सरकार से
नामित होते हैं। अधिवक्ता ने कहा कि प्रदेश में अभी तक डीपीसी का गठन नहीं हो पाया है। चुनाव आयोग ने पहले
चुनावों की तिथि घोषित की थी, बाद में चुनाव स्थगित कर दिया गया। इसी बीच राज्य सरकार ने जिला योजना में 110
करोड़ की धनराशि मंजूर कर दी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार का यह कदम असंवैधानिक है। सुनवाई
के बाद खंडपीठ ने जिला योजना के लिए मंजूर धनराशि पर रोक लगा दी है। सुनवाई के लिए 29 जून की तिथि तय
की गई है। आयोग की राय बिना डीएम को दिए अधिकारअधिवक्ता विकास बहुगुणा ने कोर्ट को बताया कि सरकार की
ओर से 12 जून को एक अध्यादेश जारी किया गया। इसमें प्रदेश में जिले के सभी अधिकारियों को जिला योजना मद में
मंजूर धनराशि खर्च के अधिकार दे दिए गए। मगर इसके लिये चुनाव आयोग की राय नहीं ली गयी, जबकि नियमों के
तहत इसमें पहले आयोग की राय ली जानी चाहिए थी।16 जून को मंजूर किए 110 करोड़राज्य सरकार की ओर से 16
जून को जिला योजना मद में 110 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर कर दी। यह धनराशि खर्च करने के लिए डीएम को
दिए गए अधिकार को न्यायालय में चुनौती दी गई है।