परंपरागत खेती से आधुनिकता की ओर बढ़ना होगा : जुयाल
नई टिहरी : निदेशक राष्ट्रीय बागवनी बोर्ड (एनएचबी) वीरेंद्र जुयाल ने कहा कि, पहाड़ों में फल उत्पादकों को नई तकनीक अपनाकर बागवानी का विकास करना होगा। जबकि परंपरागत खेती से आधुनिकता की ओर बढ़ना होगा। निदेशक जुयाल उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी जिले के दौरे के बाद देवप्रयाग पहुंचे थे। देवप्रयाग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि, दौरे में उनके द्वारा बागवानी से जुड़े काश्तकारो को नई तकनीक, प्रबंधन आदि से परिचित करवाया गया। साथ ही उन्हें आने वाली समस्याओं का संज्ञान लेते सुझाव भी लिए गए। निदेशक जुयाल के मुताबिक पहाड़ों में जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान पहुंचाने से काश्तकार काफी हतोत्साहित हैं। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार से वार्ता की जायेगी। वहीं उद्यानों को कई तरह के रोगों से बचाने के लिए वैज्ञानिको की सहायता भी ली जायेगी। उन्होंने कहा कि, काश्तकारों को आत्मनिर्भर बनाकर हरित उत्तराखण्ड के स्वप्न को साकार करना सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए काश्त कारों को समर्पित भाव से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में बागवानी विश्व विद्यालय खोले जाने व काश्तकारों को नई तकनीको की जानकारी के लिए विदेश भेजे जाने पर प्रस्ताव किसान संगोष्ठियों में मिले हैं जिन पर विचार किया जायेगा। फल उत्पादक आलोक तैलंग ने क्षेत्र में बढ़ती नमी को माल्टा, नीबू, मौसमी आदि की खेती के लिए अनुकूल बताते हुए इसकी खेती को बढ़ावा देने का अनुरोध राष्ट्रीय निदेशक से किया। इस मौके पर आदित्यनारायण, केदारनाथ कोटियाल, रोहित मिश्रा, गुरु प्रसाद कोठारी, गिरीश कोटियाल आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)