डॉ. पॉल ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और कानून के सख्त पालन की मांग
नई दिल्ली, ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक डॉ. के.ए. पॉल ने सर्वोच्च न्यायालय परिसर के अंदर मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायाधीश गवाई पर हाल ही में हुए हमले की कड़ी निंदा की है। यह घटना दिन-दहाड़े हुई और इसने भारत में न्यायपालिका की सुरक्षा और कानून के शासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉ. पॉल ने प्रेस वार्ता में कहा कि आरोपी वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश किशोर (71) को हमले के सिर्फ तीन घंटे के भीतर रिहा कर दिया गया, यह बात उन्हें गहरा चिन्तित करती है। उन्होंने पूछा, अगर भारत के मुख्य न्यायाधीश सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिक, युवा और जनता खुद को कैसे सुरक्षित महसूस कर सकते हैं? डॉ. पॉल ने ज़ोर देकर कहा कि न्याय सभी के लिए समान और निष्पक्ष होना चाहिए, चाहे व्यक्ति की सामाजिक स्थिति, शिक्षा या जाति कुछ भी हो। उन्होंने आरोपी की तेज़ रिहाई पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या यह किसी बाहरी दबाव या किसी विशेष हित के कारण हुई। उन्होंने कहा, कोई भी व्यक्ति, चाहे कितना ही प्रतिष्ठित क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। कानून को कड़ी कार्रवाई करनी होगी ताकि जनता का न्यायपालिका पर भरोसा बना रहे। स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए डॉ. पॉल ने चेतावनी दी कि अगर अपराधी को जवाबदेह नहीं ठहराया गया, तो इससे आगे और हमलों की हिम्मत बढ़ सकती है और उग्रवाद को बल मिल सकता है। उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों और न्यायपालिका से अपील की कि आरोपी को पुन: गिरफ्तार कर, लागू कानून के तहत मुकदमा चलाया जाए और पूरी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।डॉ. पॉल ने गृह मंत्रालय से भी आग्रह किया कि देश के उच्चतम न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा प्रोटोकॉल की तुरंत समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा, न्यायाधीशों की सुरक्षा लोकतंत्र के सुचारू संचालन और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।द्वडॉ. पॉल ने देशवासियों से अपील की कि वे न्यायपालिका की गरिमा, अधिकार और सुरक्षा की रक्षा में एकजुट रहें। उन्होंने कहा, मुख्य न्यायाधीश केवल कानून व्यवस्था का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि लाखों नागरिकों के विश्वास का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस पद की सुरक्षा करना, सीधे तौर पर भारत के लोकतंत्र की सुरक्षा करना है।