कैकई ने मांगे दो वरदान, भरत को गद्दी और राम को वनवास

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जयन्त प्रतिनिधि
कोटद्वार : नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत कलालघाटी में आदर्श रामलीला कमेटी झंडीचौड़ की ओर से आयोजित रामलीला के छठवें दिन मंथरा-कैकई संवाद, कैकई का कोप भवन और दशरथ-कैकई संवाद की लीला का मंचन किया गया। इस अवसर पर समिति ने संकल्प फाउंडेशन के सदस्यों को पशु सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया।
मंचन के छठवें दिन की शुरुआत संकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह रावत और आकांशा रावत ने रिबन काटकर किया। रामलीला मंचन के छठवें दिन की शुरुआत में मंथरा कैकेयी के महल में प्रवेश करती है और उसे राम के राज्याभिषेक से रोकती है, क्योंकि उसे डर है कि राम के राजा बनने पर उसका और कैकेयी का भविष्य खराब हो जाएगा। मंथरा कैकेयी को कूटनीति के लहजे में समझाती है कि राम का प्रभाव बढ़ रहा है और उसे अपनी शक्ति जमाने के लिए जल्द ही कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। मंथरा कैकेयी को याद दिलाती है कि दशरथ ने उन्हें दो वरदान देने का वचन दिया है। इसके बाद कैकई कोप भवन में चली जाती है। जैसे ही दशरथ को कैकई के कोप भवन में जाने की जानकारी मिलती है वह कोपभाईं में जाकर कैकई से मिलता है। कैकई अपने दो वरदानों का हवाला देकर दशरथ से भरत के लिए राज और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास मांग लेती हैं। पिता की आज्ञा पाकर श्री राम, लक्ष्मण और सीता माता वन को निकल पड़ते हैं। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष अरुण नेगी, धर्मेंद्र अग्रवाल, प्रियांशु चंद, नैन सिंह, विशाल माने, हिमांशु शाह, रोहित माने आदि मौजूद रहे। संचालन अमित नेगी ने किया।

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