ओंकारेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थापित हुआ कलश
रुद्रप्रयाग। बाबा केदारनाथ के शीतकालीन पूजा स्थल ओंकारेश्वर मंदिर के शीर्ष पर बुधवार को कलश स्थापित किया गया। जिसे पौराणिक परम्परा के अनुसार हकहकूकधारी मंगोली गांव के धर्म्वाणों द्वारा स्थापित किया गया। बीते कई वर्षों से ओंकारेश्वर मन्दिर के शीर्ष पर स्थित छतरी जीर्णशीर्ण हो गयी थी जिसका पुनर्निर्माण करने की मांग स्थानीय लोग लंबे समय से कर रहे थे। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की पहल पर लगभग साढ़े छह लाख की लागत से इसका जीर्णोद्घार किया गया। बुधवार को छतरी निर्माण पूर्ण होने के बाद विधिवत कलशों का शुद्घिकरण किया गया। जिसके बाद परम्परानुसार धर्म्वाणों द्वारा इसे मंदिर के शीर्ष पर स्थापित करने के बाद वृषभ ध्वज लगाया गया। यह है परम्परा- केदारनाथ, मदमहेश्वर, ओंकारेश्वर, तुंगनाथ, विश्वनाथ मंदिर सहित 22 मंदिरों को कलशों को बदलने का हकहकूक केवल मंगोली गांव के धर्म्वाणों को प्राप्त है। इसलिए जब भी कलशों को बदला जाता है तो मंदिर प्रशासन द्वारा इन्हें सूचित किया जाता है। इससे पूर्व लगभग 47 वर्ष पूर्व छतरी का जीर्णोद्घार किया गया था। इस मौके पर ईओ रमेश चन्द्र तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आरके नौटियाल, पुजारी गंगाधर लिंग, शिवलिंग, सभासद प्रदीप धर्म्वाण, एई गिरीश चन्द्र देवली, विश्वमोहन जमलोकी, राजेंद्र धर्म्वाण, नवीन मैठाणी, मदन धर्म्वाण, अनिल धर्म्वाण, ईश्वर लिंग, अभिषेक धर्म्वाण, विशेश्वर शैव आदि थे।