कोटद्वार-पौड़ी

कलश यात्रा, मशकबीन व ढोल-दमौ की थाप पर शुरु हुआ चाई महोत्सव

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : पहाड़ की संस्कृति का प्रतीक चाई महोत्सव कलश यात्रा, मशकबीन व ढोल-दमौ की थाम के साथ शुरू हो गया है। पहले दिन बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान गांव में देव डोली भी निकाली गई।
विकासखंड जयहरीखाल के ग्राम चाई में आयोजित 15वें चाई ग्रामोत्सव का शुक्रवार को मुख्य अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ. द्वारिका प्रसाद बलोधी ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्राम चाई ने ग्राम उत्सव के माध्यम से पहाड़ की समृद्ध ग्राम संस्कृति को बचाने की जो मुहिम छेड़ी है, वह सभी के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चाई से प्रेरणा लेकर वह अपने गांव झटरी में प्रतिवर्ष ग्रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित करते हैं। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी एवं पूर्व बैंक अधिकारी गिरीश नौडियाल ने चाई ग्रामोत्सव को नई पहल बताते हुए इसे पलायन से जूझते पहाड़ के लिए युगांतरकारी प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि प्रवासी समाज का अपने मूल गांव में लौटकर संस्कृति संरक्षण का संकल्प लेना विकास की नई संभावनाएं जगाता है। चाई के निवासियों ने पूरे पर्वतीय समाज को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है। उन्होंने चाई ग्राम उत्सव को पहाड़ के स्वरूप को बचाने वाला आंदोलन बताया। कहा कि इस कार्यक्रम से नई पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ रही है, यह उल्लेखनीय है। इस अवसर पर नवदुर्गा ग्रामोत्थान समिति के अध्यक्ष जगमोहन बुडाकोटी ने भी विचार प्रकट किये। समिति के महासचिव संगीत बुडाकोटी ने ग्रामोत्सव पर केंद्रित रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह की अध्यक्षता जगमोहन बुडाकोटी एवं संचालन डॉ. पद्मेश बुडाकोटी ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि डा. बलोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को पाठ्य सामग्री भी वितरित की। इससे पूर्व प्रात: चाई में ग्राम वासियों की ओर से भव्य कलश यात्रा निकली गई तथा सभी ग्राम देवताओं के साथ द्वार पूजन भी किया गया। इस दौरान गांव में चारों ओर रौनक देखने को मिली। सभी बंद किवाड़ आज खुले थे। ग्राम वासियों ने पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल-दमौ, मसक बीन के साथ हर घर आंगन में जमकर पारंपरिक नृत्य किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बहिन-बेटियां व क्षेत्रवासी भी उपस्थित हुए। ग्रामोत्सव के पहले दिन ग्राम चाई में लोक कलाओं की विविध छटाएं पूरे दिन बिखरी रहीं। सांस्कृतिक संध्या में ग्राम समाज की आकर्षक नृत्य प्रस्तुतियां दर्शकों द्वारा विशेष तौर पर सराही गई। समारोह में सच्चिदानंद बुड़ाकोटी, ललन बुड़ाकोटी, शेखर बुडाकोटी, दिनेश बुडाकोटी, अशोक बुडाकोटी, राजेश बुडाकोटी, नवीन बुडाकोटी, महेंद्र बुडाकोटी, सुरेश बुडाकोटी, संतोष, सुमन, विकास, दीपक, कुलदीप, अमन, शिवांग आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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