उत्तराखंड

मलबा आने से 9 घंटे तक बंद रहा कालसी चकराता मार्ग

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विकासनगर। कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जजरेट और खच्चर घाटी के पास पहाड़ी दरकने से मलबा सड़क पर आ गया। इसके चलते कालसी चकराता मार्ग नौ घंटे तक बंद रहा। इस दौरान मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। सुबह नौ बजे मार्ग खुलने के बाद यातायात सुचारु किया गया। वहीं, जौनसार बावर क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों को यातायात से जोड़ने वाले चौदह अन्य मोटर मार्ग मलबा आने से मार्ग बंद रहे। इन मार्गों यातायात आठ से दस घंटे तक ठप रहा। जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कालसी चकराता मोटर मार्ग पर शनिवार मध्यरात्रि को करीब बारह बजे खच्चर घाटी और जजरेट के पास मलबा आ गया। मलबा आने से कालसी चकराता मार्ग बंद रहा। सुबह लोनिवि ने जेसीबी से मलबा साफ कर करीब नौ घंटे बाद यानी नौ बजे मार्ग को यातायात के लिए खुलवाया। इस दौरान मार्ग के दोनों ओर लंबी लाइनें लगी रही। मार्ग बंद रहने के कारण किसान अपनी सब्जियां, टमाटर, फल आदि कृषि मंडी विकासनगर तक समय से नहीं पहुंचा पाये। जिसके चलते किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। समय पर मंडी न पहुंचने के कारण किसानों को ग्राहक नहीं मिले और औने पौने दामों पर अपना उत्पाद बेचना पड़ा। इसके अलावा जौनसार बावर के तेरह अन्य मोटर मार्ग भी करीब दस घंटे तक बंद रहे। बंद मार्गों में शामिल लांघा- बिन्हार मटोगी, क्यारा- डामटा, रखटाड-मैसासा, हरिपुर-कोटी-इच्छाडी-क्वानू-मीनस,लकस्यार -लुधेरा, शहीद सुरेश तोमर- गास्की, मीनस -अटाल, हइया- अलसी, सिलीड्ढ-कुनैन, गडोल- सकरौल, लेल्टा -मंडोली, लाखामंडल-खबऊ व समरजैन मोटर मार्ग मलबा आने के कारण मार्ग बंद रहे।
इन क्षेत्रों के किसान अपने उत्पाद को मंडी तक नहीं पहुंचा पाये। जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। लोनिवि का कहना है कि मार्गों पर मलबा हटाने के लिए जेसीबी लगाई गयी है।

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