राष्ट्रपति ने राष्ट्र के विकास में डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा
नादिया/कोलकाता , कल्याणी ने कई महान हस्तियों को जन्म दिया है और एम्स को उस विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए। उक्त बात आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के नादिया जिले में आयोजित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), कल्याणी के उद्घाटन दीक्षांत समारोह में कही। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि अपने सामाजिक दायित्वों के प्रति सजग डॉक्टरों ने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले कुछ वर्षों में टीकाकरण के क्षेत्र में असाधारण प्रगति हुई है। कई बीमारियों का उन्मूलन किया गया है। उदाहरण के लिए, पिछले वर्ष भारत को ट्रेकोमा-मुक्त घोषित किया गया। लेकिन अभी भी कई चुनौतियां हैं जिनमें युवा डॉक्टर निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
इस दौरान राष्ट्रपति ने 48 एमबीबीएस स्नातकों और 9 पोस्ट-डॉक्टरल सर्टिफिकेट कोर्स (पीडीसीसी) के छात्रों को उपाधियां प्रदान कीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस संस्थान से स्नातक करने वाले छात्रों को गरीबों और वंचितों के स्वास्थ्य की देखभाल करनी चाहिए और एम्स कल्याणी को राष्ट्रीय गौरव का विषय बनाना चाहिए। चैतन्य महाप्रभु, नील दर्पण के लेखक दीनबंधु मित्र, प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी बाघा जतिन, कल्याणी के रुपकार और संस्थापक तथा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय का उल्लेख करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स को उस विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा की आनुवंशिक अभिव्यक्तियां हो सकती हैं, लेकिन डॉक्टरों को रोगियों को जीवनशैली संबंधी मार्गदर्शन अवश्य देना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत ने टीकाकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिदिन हो रहे नए बदलावों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने छात्रों को आजीवन सीखने वाले बनने तथा नए अनुसंधान और चिकित्सा पद्धतियों से अपडेट रहने की सलाह दी। इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव, बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर, स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और एम्स कल्याणी के कार्यकारी निदेशक डॉ. रामजी सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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