बागेश्वर। कमेड़ीदेवी क्षेत्र के बांज के जंगल जलकर खाक हो गए हैं। इससे क्षेत्र की हरियाली पूरी तरह नष्ट हो गई है। पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की दिशा में हो रहे कार्यों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय लोगों ने जंगलों को आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कमेड़ीदेवी क्षेत्र में बांज, फल्यांट और मिश्रित वन हैं। धरमघर वन रेंज के जंगलों में इस बार लगातार आग लगी, जिससे कारण हरा-भरा बांज का जंगल खाक हो गया है। वर्तमान में हवा चलने पर उड़ रही राख सीधे घरों तक पहुंच रही है। इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धरमघर निवासी परसीलाल वर्मा, गिरीश चंद्र जोशी, टीए रावत आदि ने कहा कि जंगलों के प्रति वन विभाग कतई सजग नहीं रहा है। जायका परियोजना के तहत उनके क्षेत्र में पौधारोपण होना था, जिसके लिए लाखों रुपये का बजट भी वन विभाग को प्राप्त हुआ। जंगल जलने के बाद वे पौध भी धरातल पर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वनों को जलाना बड़ी साजिश हो सकती है। इसकी जांच होनी चाहिए तभी पर्यावरण को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आग के नाम पर जिले को एक करोड़ रुपये से अधिक का बजट मिला हुआ है। इस बजट का सदुपयोग हो रहा है या नहीं, इसकी भी जांच की जानी चाहिए। वहीं, बांज का जंगल जलने से मवेशियों के लिए चारे का संकट अलग से पैदा हो गया है। बांज, फल्यांट आदि की कोपलें मवेशियों को चारे के रूप में दी जाती हैं। इसके अलावा पानी के स्त्रोतों को भी आग से भारी नुकसान हो रहा है। इधर, डीएफओ बीएस शाही ने कहा कि आग लगाने वालों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। वन विभाग पूरी तहर अलर्ट है। फायर वाचर भी तैनात किए गए हैं।