कण्वाश्रम-ध्रुवपुर मोटर मार्ग बना विकल्प, स्थिति सुधार रहा सरकारी सिस्टम
मालन पुल टूटने के बाद कण्वाश्रम-ध्रुवपुर मोटर मार्ग से हो रही वाहनों की आवाजाही
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भाबर क्षेत्र की मालन नदी का पुल ढहने के बाद वाहनों की आवाजाही के लिए कण्वाश्रम-ध्रुवपुर मोटर मार्ग को विकल्प मार्ग के रूप में तैयार किया जा रहा है। यही नहीं गुरुवार शाम से ही मार्ग पर वाहनों की आवाजही शुरू कर दी गई थी। लेकिन, जगह-जगह बदहाल स्थिति में पड़ा मार्ग वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन रहा था। ऐसे में अब सरकारी सिस्टम मार्ग की व्यवस्थाओं में सुधार कर रहा है।
मालन नदी का पुल ढहने के बाद भाबर वासियों के लिए विकल्प बने कण्वाश्रम-मवाकोट-सत्तीचौड़-ध्रुवपुर-महाविद्यालय मोटर मार्ग की स्थिति भी खस्ताहाल बनी हुई है। मार्ग पर पांच किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले चार बरसाती रपटे वाहन चालकों की मुसीबत बढ़ा सकते हैं। बरसात के समय जंगल का पानी मार्ग पर बहने से जगह-जगह कीचड़ भरा हुआ है। सबसे बुरी स्थिति मवाकोट गेंद मेला मैदान के समीप कण्वाश्रम मार्ग की बनी हुई है। उबड़-खाबड व चिकनी मिट्टी से भरे इस मार्ग पर वाहनों के रपटने का खतरा बना हुआ है। सबसे अधिक परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है। जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने कहा कि भाबर वासियों की सुविधा को देखते हुए कण्वाश्रम-मवाकोट-सत्तीचौड़-ध्रुवपुर-महाविद्यालय मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप में तैयार किया जा रहा है। जंगल का पानी मार्ग पर न बहे इसके लिए मार्ग के किनारे नाला तैयार करवाया जा रहा है। वन्य जीवों से सुरक्षा के लिए मार्ग के आसपास झाड़ी कटान का कार्य करवाया जा रहा है। साथ ही वन विभाग को मार्ग पर गश्त बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मार्ग पर लगेंगी सोलर लाइटें
कण्वाश्रम-मवाकोट-सत्तीचौड़-ध्रुवपुर-महाविद्यालय मोटर मार्ग का पूरा हिस्सा लैंसडौन वन प्रभाग कोटद्वार रेंज के जंगल से सटा हुआ है। ऐसे में उक्त मार्ग पर हर समय जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। रात के समय भी आवाजही हो इसके लिए विभाग मार्ग पर बीस सोलर लाइट लगाने की तैयारी कर रहा है।
जान जोखिम में डाल रहे क्षेत्रवासी
भाबर क्षेत्र की मालन नदी पर धराशायी हुए पुल को देखने के लिए क्षेत्रवासी अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। गुरुवार देर शाम तक लोक निर्माण विभाग ने पुल के दोनों ओर पांच-पांच इंच की दीवार खड़ी करते हुए उस पर कीच व कांच के टुकड़े लगा दिए थे। लेकिन, क्षेत्रवासी अब भी धराशायी पुल को देखने के लिए पहुंच रहे रहे हैं। दीवार पर लगी कीच व कांच को भी तोड़ दिया गया है। ऐसे में लोगों की लापरवाही कब उनके जीवन पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता।