जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : भारतीय सेना ‘घर-घर शौर्य सम्मान महोत्सव के तहत करगिल युद्ध के शहीदों के परिजनों को उनके घर जाकर सम्मानित कर रही है। नायब सूबेदार चंद्र ने बच्चों को करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के जवानों की बहादुरी भरी कहानियां सुनाईं, ताकि युवा पीढ़ी को भी प्रेरणा मिले और वे भारतीय सेना का हिस्सा बने। कहा कि सेना केवल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा नहीं करती है, बल्कि शहीदों के परिजनों का भी ख्याल रखती है।
सोमवार को कारगिल से आई सेना की टीम सतपुली में शहीद राइफलमैन डबल सिंह के घर पहुंची। सेना के अफसरों ने बताया कि यह कार्यक्रम न केवल शहीदों के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि राष्ट्र के प्रति उनके अमूल्य बलिदान को याद करना भी है। सेना के नायब सूबेदार सुधीर चंद्र और उनकी टीम स्मृति चिह्न व सम्मान पत्र लेकर गैलंट्री अवॉर्ड विजेता सेना मेडल विजेता शहीद राइफलमैन डबल सिंह सेना के घर पहुंची। शहीद सिंह की पत्नी राजी देवी को सेना ने सम्मान पत्र और स्मृति चिह्न सौंपा। नायब सूबेदार चंद्र ने बताया कि यह महोत्सव केवल एक सम्मान कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संदेश भी है कि राष्ट्र अपने वीरों को कभी नहीं भूलता। हर नागरिक शहीदों के परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करे, ताकि उन्हें यह महसूस हो उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया। स्थानी ग्रामीण, स्कूली छात्र, पूर्व सैनिक , जनप्रतिनिधि आदि भी मौजूद रहे।