कोटद्वार-पौड़ी

कारगिल विजय दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाया

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : जनपद में बुधवार को कारगिल विजय दिवस को शौर्य दिवस में रूप मनाया गया। कारगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ पर जनपद मुख्यालय में शहीद स्मारक एजेंसी चौक पौड़ी में जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी, नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम, जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे सहित अन्य अधिकारियो व पूर्व सैनिकों ने कारगिल युद्ध के शहीद वीर जवानों को पुष्प चक्र व श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी। कार्यक्रम से पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा एजेंसी चौक से कलेक्ट्रेट तक प्रभात फैरी निकाली गई।


प्रेक्षागृह में शहीद के परिजनों को सम्मानित कार्यक्रम के दौरान स्थानीय विधायक ने कहा कि भारतीय इतिहास में आज का दिन गौरवशाली दिन के रूप में अंकित है। कहा कि यह दिन हमारी विजय गाथा की याद दिलाता है। आज के दिन ही कारगिल के युद्ध में हमारे जांबाज वीर सैनिकों ने वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान की सेना को हराकर टाईगर हिल को जीत कर तिरंगा फहराया था। कहा कि पूर्व सैनिकों की जो भी समस्याएं है, उनका समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध भारतीय सेना की वीरता का एक ऐसा उदाहरण है जिस पर प्रत्येक भारतीय को गर्व होना चाहिए। कहा कि शहीद सैनिकों व पूर्व सैनिकों को सरकार हर तरह का सहयोग कर रही है। नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को आज भी याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज हम सब लोग अपने घरों में सुरक्षित हैं तो वह सैनिकों की वजह से हैं। कार्यक्रम में विधायक व नगर पालिका अध्यक्ष ने कारगिल युद्ध में हुए शहीद नायक मंगत सिंह के पुत्र नीरज भंडारी, रा. मै. कुलदीप सिंह के भाई अजीत रावत, रा. मै. डबल सिंह की पत्नी राजी देवी व नायक पुष्कर सिंह की पत्नी बसंती देवी को सम्मानित किया। वहीं स्कूली छात्रों द्वारा देशभक्ति गीत की शानदार प्रस्तुति दी गई। साथ ही अतिथियों द्वारा शौर्य दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुई निबंध और पेंटिंग प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वालें छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, उपजिलाधिकारी मुक्ता मिश्रा, सीओ श्याम दत्त नौटियाल, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पौड़ी कर्नल पीके कोठनाला व लैंसडौन कर्नल ओपी फर्सवाण, संस्कृति विभाग से प्रेमचंद ध्यानी, पूर्व सैनिक राजेंद्र राणा व अन्य उपस्थित थे।

कारगिल युद्ध में शामिल सैनिक ने साझा किए अनुभव
कारगिल युद्ध में शामिल बकुल रावत ने कहा कि वर्ष 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला कर दिया था, इस दौरान देश के कई सैनिकों ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे देश हमेशा याद करता रहेगा। कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और इस युद्ध की समाप्ति 26 जुलाई को हुई। इस युद्ध में भारतीय सेना ने जीत हासिल की। तब से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है और युद्ध में शहीद होने वाले भारतीय सेना के जवानो को और देश के प्रति दी गई उनकी कुर्बानी को याद किया जाता है।

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