कर्नाटक सरकार नई ईवी नीति में बुनियादी ढांचे पर देगी ध्यान, एक लाख नौकरियां होंगी पैदा
नई दिल्ली, एजेंसी। कर्नाटक सरकार अगले पांच वर्षों के लिए अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति को संशोधित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। राज्य सरकार ने अपनी नई ईवी नीति का एक मसौदा जारी किया है जिसके जरिए वह लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने की योजना बना रही है। ईवी नीति के मसौदे में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने और आने वाले दिनों में ईवी अपनाने में तेजी लाने में मदद करने के लिए बिजली शुल्क कम करने जैसी अन्य पहलों के अलावा नौकरी के अवसर पैदा करने का भी प्रस्ताव है। कर्नाटक, जहां भारत के कई वाहन निर्माताओं स्थित हैं, इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में सबसे बड़े राज्यों में से एक है।
कर्नाटक की संशोधित मसौदा इलेक्ट्रिक वाहन नीति (2023-28) को जल्द ही अपनाए जाने की उम्मीद है। इसके तहत राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए मॉडल ईवी शहरों को विकसित करने की भी योजना है। इस पहल के लिए निर्धारित कुछ शहरों में कालाबुरागी, बेलगावी, हुबली-धारवाड़ और मैसूरु शामिल हैं। ईवी नीति के मसौदे के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) बंगलूरु-पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रमुख टोल बूथों पर ईवी चार्जिंग पॉइंट भी लगाएगा। राज्य सरकार ने गौरीबिदानूर (चिक्कबल्लापुर) और चिक्कमल्लीगेवाड़ा (धारवाड़) में बड़े ईवी क्लस्टर लगाने का भी प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया है कि इन दोनों जगहों पर जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है जिसे संभावित निवेशकों को पेश किया जाएगा।