रूद्रप्रयाग : बदरी-केदार मंदिर समिति के वेदपाठी एवं मधुर कंठ के धनी मृत्युंजय हीरेमेठ का हार्ट अटैक आने से निधन हो गया। वे 37 वर्ष के थे। शुक्रवार शाम अपने निवास स्थान पर ही उन्हें अचानक हार्ट अटैक आया। जिससे उनका घर में ही निधन हो गया। उनके निधन पर बीकेटीसी सहित सम्पूर्ण जनपद में शोक की लहर है। बीकेटीसी अध्यक्ष सहित अनेक लोगों ने इसे अपूर्णीय क्षति बताते हुए शोक संवेदना प्रकट की। शनिवार को उन्हें मंदाकिनी तट पर समाधि दी गई। दक्षिण भारत के जंगम शैव समुदाय से तालुक रखने वाले मृत्युंजय हीरेमठ अविवाहित थे। उनका परिवार अब स्थायी रूप से ऊखीमठ रुद्रप्रयाग में ही निवास करता है। उनके पिता गुरुलिंग भी केदारनाथ धाम के पुजारी के रूप में सेवा दे चुके है। जबकि बड़े भाई शिवशंकर लिंग मंदिर समिति केदारनाथ प्रतिष्ठान में पुजारी के पद पर कार्यरत हैं। मृत्युंजय हीरेमठ शिव स्त्रोतम् सहित भगवान भोले नाथ के भजनों का गायन करते थे।