गीत नया गाते रहिए, रोने के बहाने हजार…
उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट की ओर से आयोजित की गई कवि गोष्ठी
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी: उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट के तत्वावधान में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर धुयाल कवि गोष्ठी का आयोजन जिला पंचायत सभागार में किया गया। गोष्ठी में प्रसिद्ध गायक एवं कवि अनिल बिष्ट ने नेतागिरी पर कटाक्ष करते हुए कविता पढ़ी।
शैलेश मटियानी पुरस्कार प्राप्त शिक्षक वीरेंद्र खंकरियाल ने पौड़ी के दर्द पर आधारित कविता देहरादून बस गया, नैनीताल सज गई। पौड़ी हूं मुझको किसकी बुरी नजर लगी कविता का शानदार मंचन किया। प्रमेंद्र सिंह नेगी ने पलायन पर कभी बाटू भूली बिसरी की, घर मुलुक भी बोडी जावा रे, कभी जलम भूमि की जिकुडी की कविता की प्रस्तुति दी। मयंक सुंदरियाल ने गढ़वाल की खुशहाली की कामना करने, सुनील धस्माना स्वप्निल ने अपनी कविता के माध्यम से राज्य व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने की कविता का पाठ किया। कवि डा. कमलेश कुमार मिश्र ने मैं जहां भी गया, दोहरे किरदार मिले, शायर नवीन मियां ने सियासत की जमीन पर नफरतों के बीज बोने लगे हैं, इतने भी हम नासमझ नहीं जितने वो समझने लगे हैं, स्थानीय कवि हिमांशु बडोनी ने गूंगे बहरों की नगरी में, गीत नया गाते रहिए, रोने के बहाने हजार, सदा हंसते हंसाते रहिए, धुयाल काव्य गोष्ठी के संयोजक गीतकार एवं गायक मनोज रावत अंजुल ने प्यार प्रेम माया से डरदू को च ? पर पता त चलू हमसे करदू को च कविता का पाठ किया।