केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी
रुद्रप्रयाग। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू के राज्यव्यापी आह्वान पर भोजनमाता कामगार यूनियन संबंद्ध सीटू द्वारा तहसील उखीमठ में शुक्रवार को धरना दिया गया। सीटू जिला महामंत्री वीरेंद्र गोस्वामी एवं किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम सेमवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने धरना देते हुए केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
धरने को संबोधित करते हुए सीटू के जिला महामंत्री वीरेंद्र गोस्वामी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को खत्म कर पूंजीपतियों के दबाव में मात्र चार श्रम कानून बनाए गए हैं, देश के सरकारी सरकारी विभागों को पूंजीपतियों के हाथों दे दिया गया है। उन्होंने सरकार पर देश में पूंजीपतियों के इशारों पर निजीकरण की नीति तेजी से लागू करने का आरोप लगाया है। कहा कि अभी बैंक, रेल, बीएसएनएल, हवाई अड्डे, रक्षा, कारखानों को भी पूंजीपतियों के हाथों देने की योजना बनाई जा रही है। आरोप लगाया कि देश के कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है, उत्तराखंड की सरकार द्वारा इन 4 वर्षों में हजारों सरकारी को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है जिससे वहां पर कार्य सबसे गरीब कर्मचारी भोजनमाता की भी छुट्टी हो गई है। भोजनमाता को केंद्र और राज्य सरकार जीने लायक मानदेय तक नहीं दे पा रही है। सरकार भोजनमाताओं का शोषण और उत्पीड़न कर रही है, जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम सेमवाल ने कहा कि देश के किसान बीते 39 दिनों से 3 किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ कड़ाके की सर्दी में राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं, किंतु केंद्र सरकार सुन नहीं रही है। उन्होंने सरकार को तानाशाह बताते हुए कहा कि इससे देश के किसान निराश हुए हैं। धरने में सीटू के जिला महामंत्री वीरेंद्र गोस्वामी, किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम सेमवाल, भोजनमाता कामगार यूनियन की सावित्री देवी, मंजू देवी, ललिता देवी, उषा देवी, गोदावरी देवी, महावीर सिंह, कमला देवी, कुंती देवी, जगदीश सुरजवाण आदि मौजूद थे।