तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के मतदान की तिथि करीब आ गई है। ऐसे में प्रचार के साथ ही वादों व दावों का भी सिलसिला तेज हो गया है। इस बार हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी का वादा अमूमन सभी दल कर रहे हैं। कोरोना काल में बढ़ी बेरोजगारी को देखते हुए यह नया ट्रेंड दिखाई दे रहा है, ताकि जनता का लुभाया जा सके।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को तिरुवनंतपुरम में केरल विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का घोषणा-पत्र जारी किया। इसमें सबरीमाला मंदिर के संचालन के लिए और श्लव जिहादश् के खिलाफ कानून के साथ ही हर परिवार से कम से कम एक सदस्य को रोजगार और हाई स्कूल के छात्रों के लिए मुफ्त लैपटप जैसे कई वादे हैं।
जावड़ेकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि भाजपा का घोषणापत्र प्रगतिवादी, गतिशील और विकास पर केंद्रित है तथा केरल को ऐसे घोषणा-पत्र का इंतजार था। वाम नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परियोजनाओं में मामूली बदलाव कर लोगों के समक्ष उसे अपनी योजना के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश हुई।
जावड़ेकर ने कहा कि हमारा घोषणा-पत्र प्रगतिशील, गतिशील, आकांक्षी और विकास केंद्रित है। केरल को ऐसे घोषणा-पत्र का इंतजार था। प्रमुख बिंदुओं की बात करें तो यह घोषणापत्र परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार देने, केरल को आतंकवाद मुक्त करने, भूख से मुक्त करने, सबरीमला कानून (मंदिर की परंपरा के संरक्षण के लिए), हाईस्कूल के छात्रों को मुफ्त लैपटप और लव जिहाद के खिलाफ कानून की गारंटी देता है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जातिध्जनजाति समुदाय के भूमिहीन सदस्यों को षि उद्देश्यों के लिये पांच एकड़ जमीन दी जाएगी। घोषणापत्र में गरीबी रेखा से नीचे के परिवार को मुफ्त में छह रसोई गैस सिलेंडरों का वादा भी किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि पिनराई सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं में मामूली बदलाव पर उनका श्रेय लेना शुरू कर दिया है।