उत्तराखंड

सागरताल नालापानी में खलंगा मेला एक दिसम्बर को

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देहरादून। आंग्ल-गोरखा युद्ध की याद दिलाते खलंगा के ऐतिहासिक युद्ध स्थल सागरताल नालापानी में खलंगा मेला एक दिसम्बर को आयोजित होगा। खलंगा मेले के आयोजन का यह पचासवां वर्ष है। गुरुवार को प्रेस क्लब में बलभद्र खलंगा विकास समिति ने खलंगा मेला से जुड़ी तैयारियों की जानकारी मीडिया को दी। प्रेस क्लब में हुई प्रेसवार्ता में बलभद्र खलंगा विकास समिति नालापानी के अध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह थापा ने बताया कि समिति विगत 49 वर्षों से गोरखा सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा, उनके वीरों और वीरांगनाओं को याद करने के लिए इस मेले का आयोजन करता है। इन वीरों ने 1814-16 में अपने से कई गुना शक्तिशाली ब्रिटिश सेना के एक के बाद एक कई आक्रमणों को विफल कर दिया था। उनकी वीरता तथा अदम्य पराक्रम को याद कर प्रतिवर्ष श्रंद्धाजलि देने के लिए इस मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में 1814-16 में हुए खलंगा युद्ध के इतिहास का विस्तृत वर्णन, विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए गोर्खाली, गढ़वाली एवं कुमाऊंनी लोकनृत्यों एवं गीतों की रंगारंग प्रस्तुतियां, लजीज गोर्खाली व्यंजनों के स्टॉल गोर्खाली परिधान, आभूषणों के स्टॉल, लॉटरी के ड्रा मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे। गोर्खाओं की वीरता का प्रतीक खुकरी डांस और भारतीय गोर्खा समुदाय की गौरवमयी लोक संस्कृति को दर्शाता नौमती बाजा(प्राचीन गोर्खाली नौ वाद्य यंत्र) की मोहक प्रस्तुतियां होगी। आयोजकों द्वारा 50 वें स्वर्ण जयंती खलंगा मेला-2024 की स्मारिका पुस्तक का विमोचन भी किया होगा। मेले में कई विशिष्टजनों को भी आमंत्रित किया गया है। प्रेसवार्ता में गोर्खाली सुधार सभा अध्यक्ष पदम सिंह थापा, समिति उपाध्यक्ष विनय गुरूंग, सांस्कृतिक सचिव कै.वाईबी. थापा, केबी.कार्की, महेश भूषाल, संजय थापा, कर्नल सीबी. थापा, कर्नल अनिल गुरूंग, रणवीर सिंह थापा, अशोक वल्लभ शर्मा, नीरा थापा, राजेंद्र शाह उपस्थित थे।

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