खालिद जमील बने भारतीय फुटबॉल टीम के नए हेड कोच

Spread the love

नई दिल्ली, भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच की तलाश पूरी हो गई है. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की कार्यकारी समिति ने खालिद जमील को इस पद के लिए नियुक्त किया है. यह नियुक्ति एक कठिन चयन प्रक्रिया के बाद हुई है और जमील अब इस पद पर मनोलो मार्केज की जगह लेंगे. खालिद जमील ने स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन और स्टीफन टारकोविक को पछाड़ते हुए इस पद पर कब्जा किया है. जमीन ने भारत के लिए 40 मैचों में हिस्सा लिया है.
48 वर्षीय जमील वर्तमान में इंडियन सुपर लीग में जमशेदपुर एफसी के कोच हैं. उनका क्लब के साथ 2026 तक का अनुबंध है और उन्हें आईएसएल और आई-लीग क्लबों को कोचिंग देने का एक दशक से भी अधिक का अनुभव है. उनकी कोचिंग में सबसे बड़ी उपलब्धि 2016-17 में मिली, जब जमील ने आइज़ॉल एफसी के साथ आई-लीग का खिताब जीता था.
जमील भारतीय फुटबॉल में महिंद्रा यूनाइटेड और एयर इंडिया एफसी जैसे क्लबों के लिए भी खेल चुके हैं और आखिरी बार 2009 में मुंबई एफसी के लिए खेले थे. चोटों के कारण समय से पहले संन्यास लेने के बाद उन्होंने फुटबॉल प्रबंधन में अपना करियर बनाया और कोचिंग का सफर शुरू किया.
जमील पिछले 13 वर्षों में पूर्णकालिक मुख्य कोच के रूप में नियुक्त होने वाले पहले भारतीय कोच भी बन गए हैं. सावियो मेडेइरा 2011-12 में टीम के साथ आखिरी भारतीय कोच थे. फुटबॉल टीम ने विम कोवेमेन्स, स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन, इगोर स्टिमैक और मनोलो मार्केज़ जैसे कोच देखे हैं. 48 वर्षीय इस खिलाड़ी के लिए पहली चुनौती 29 अगस्त से ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में शुरू होने वाला कैफे नेशंस कप होगा.
जमील ने 2016-17 सीजन में मुंबई एफसी के साथ अपने कोचिंग करियर की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने आइज़ॉल एफसी की कमान संभाली और उन्हें आई-लीग चैंपियनशिप तक पहुंचाया. इसके बाद उन्होंने जमशेदपुर एफसी के साथ अनुबंध करने से पहले नॉर्थईस्ट यूनाइटेड को कोचिंग दी. उन्होंने अब तक 48 मैचों में टीम को कोचिंग दी है और पिछले सीजन में टीम को फाइनल तक पहुंचाना भी उनके करियर का हिस्सा है.
जमील व्यावहारिक फुटबॉल के समर्थक हैं और मजबूत रक्षा पर जोर देते हैं. इसीलिए वह आकर्षक और सौंदर्यपूर्ण फुटबॉल को नकारते हैं. जब उनकी टीमें खेलती हैं तो आपको पीछे से वो ज्यादा कुछ कहते हुए नहीं दिखेगें. मिडफील्ड में भी कोई जटिल पासिंग पैटर्न नहीं है. वह आमतौर पर सुव्यवस्थित रक्षापंक्ति, मेहनती मिडफील्डर, मुख्य रूप से रक्षात्मक फुल-बैक, अपनी चौड़ाई पर टिके रहने वाले विंगर और आमतौर पर आगे की ओर एक टारगेट मैन जैसे खिलाड़ियों को तैनात करते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *