खेल विभाग और पीआरडी के एकीकरण का विरोध

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रुद्रप्रयाग। शासन द्वारा खेल विभाग और युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग का एकीकरण करने की योजना का खेल विशेषज्ञ तथा अन्य जानकार लोगों ने पुरजोर विरोध किया है। उनका मानना है कि दोनों विभागों के कार्य क्षेत्र अलग अलग हैं ऐसे में इन विभागों के एकीकरण से प्रदेश में खेलों का नुकसान होना तय है। उत्तराखण्ड कबड्डी एसोसियेशन के उपाध्यक्ष एवं नेशनल रेफरी नरेन्द्र सिंह रौथाण ने कहा कि खेल विभाग की स्थापना खेल एवं खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखकर किया गया था। खेल विभाग सभी खेल संघों के समन्वय से योग्य प्रशिक्षकों की देखरेख में प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के उद्देश्य से प्रशिक्षित करते हैं। जबकि युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में युमंद एवं ममं दलों को खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के साथ ही अन्य सामाजिक कार्यों में सहभागिता करता है। साथ ही प्रान्तीय रक्षक दल के महिला/पुरूष आरक्षियों को प्रशिक्षित करता है। यदि दोनों विभागों का एकीकरण किया जाता है तो जनपदों में अधिकारी कर्मचारियों का अपसी समन्वय बिगड़ जाएगा जिसका खिलाड़ियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

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