कोलकाता ,पूरे देश में खासकर बंगाल में कोजागरी लक्ष्मी पूजा का खास महत्व है। आज शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर कोलकाता समेत पूरे प्रदेश में भक्ति का माहौल रहा। घर-घर कोजागरी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना हुई। वहीं राज्य सहित महानगर कोलकाता के तमाम दुर्गा पूजा मंडपों में कोजागरी लक्ष्मी पूजा की गई। मटियाबुर्ज विधानसभा के टीजी रोड स्थित वार्ड 1 में बेलपुकुर युवक संघ के दुर्गा पूजा मंडप में भी लक्ष्मी पूजा हुई। खबर के लिखे जाने तक सोलह कलाओं से पूर्ण चन्द्रमा की भी पूजा की तैयारी चल रही थी। चांद को दूध,पानी फल, नारियल, रेवडिय़ां चढ़ाई गई तो मां लक्ष्मी भी धन्य-धान्य से पूजित हुई। उत्साह व उमंग और श्रद्धा-भक्ति के बीच कोजागरी लक्ष्मी की पूजा की गई। बात करने पर महिलाओं ने कहा कि राज्य के प्राय सभी घरों में इस दिन धन की देवी का आह्वान करने के साथ ही भव्य व पारम्परिक तरीके से श्रृंगार किया गया। कहीं मिट्टी की प्रतिमा तो कहीं पर एक ही मिट्टी की थाल पर देवी की पूजा की गई। कुछ पुराने घरों में अष्टधातु या फिर पीतल की प्रतिमा को नथ,मुकुट व गहनों से सजाया गया। घर की महिलाओं ने भी लालपाड़ साडिय़ां या लाल रंग की साड़ी पहनकर देवी की आराधना की। पूजा के बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया। शरद पूर्णिमा के मौके पर चन्द्रमा को सभी कलाओं से पूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि चांद को देखने से आंखों को शीतल मिलती है। इस मौके पर चांद की पूजा की गई तथा उनको दूध, खीर के साथ ही फलों व नारियल का नेवैद्य लगाया जाएगा। रात को लोगों ने चांद का पूजन किया। पूर्णिमा के मौके पर बहुत से घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा का भी आयोजन किया गया। कार्तिक मास के लगने के कारण भी लोगों ने घरों में पूजा-अर्चना की। हर घर में पूजा आदि होती नजर आई। महानगर के हर कोने से शंख, घंटा के साथ ही आरती की घंटी की आवाज गूंजती रही। कोजागरी लक्ष्मी पूजा विशेष तौर पर बंगाल, मिथिलांचल व उड़ीसा में मनाया जाता है। इस दिन रात्रि के समय मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। माना जाता है कि इस पूर्णिमा में पूजन करने से लक्ष्मी मां की कृपा सदा घर में बनी रहती है और घर के सदस्यों को धन-दौलत के भंडार का आशीर्वाद मिलता है।