कोटद्वार के सुनियोजित विकास के लिए हुआ कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति का गठन, वरिष्ठ पत्रकार नागेन्द्र उनियाल बने संयोजक
कोटद्वार की विरासत बचाने तथा सुनियोजित विकास के लिए सभी गैरराजनीतिक संगठनों का एक साझा मंच तैयार करने पर बनी सहमति
स्व. नरेन्द्र उनियाल की 72 वीं जयंती पर गोष्ठी आयोजित कर दी भावभीनी श्रद्धांजलि
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: कोटद्वार के अस्तित्व को बचाने एवं सुनियोजित विकास के लिए सभी गैरराजनीतिक संगठनों का एक साझा मंच तैयार करने पर सहमति बनी है। वरिष्ठ पत्रकार, आन्दोलनकारी तथा संघर्षों के प्रतीक रहे स्व. नरेन्द्र उनियाल की 72 वीं जयंती पर आयोजित गोष्ठी में यह निर्णय लिया गया।
रविवार को आयोजित गोष्ठी में कोटद्वार नागरिक मंच, वरिष्ठ नागरिक संगठन, शैल शिल्पी विकास संगठन, गढ़वाल जीप टैक्सी यूनियन सहित बुद्धिजीवियों ने गोष्ठी में संगठित होकर कोटद्वार के अस्तित्व को बचाने एवं भविष्य के लिए सुनियोजित विकास पर जोर दिया गया। वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व पत्रकार योगेश पांथरी की अध्यक्षता तथा दैनिक जयन्त के तत्वावधान में आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने सुनियोजित विकास के लिए सभी गैरराजनीतिक संगठनों का एक साझा मंच तैयार करने पर सहमति दी तथा उसके संयोजक वरिष्ठ पत्रकार नागेन्द्र उनियाल को बनाया गया है।
गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि कोटद्वार के सुनियोजित विकास के लिए सभी गैर सरकारी संगठनों का एक साझा मंच तैयार करने की आवश्यकता है। गोष्ठी की शुरुआत करते हुए आकाशवाणी के पूर्व निदेशक चक्रधर कण्डवाल ने नरेन्द्र उनियाल के कृत्तित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें एक महान क्रांतिकारी बताते हुए बेहत्तर भविष्य के लिए उनके पथ का अनुशरण करने पर जोर दिया। उत्तराखंड आन्दोलनकारी डॉ शक्ति शैल कपरवाण ने एक साझा मंच तैयार कर कोटद्वार की समस्यों का निराकरण किया जा सकता है। पूर्व प्रधानाचार्य शिव प्रकाश कुकरेती ने विकास के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर देने की बात कही तथा वरिष्ठ नागरिक संगठन के अध्यक्ष कै. पी. एल. खन्तवाल ने कहा कि भविष्य के स्वर्णिम विकास के लिए सभी गैरराजनीतिक संगठनों को एक मंच पर आना होगा। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नन्दकिशोर ढौड़ियाल ने कण्वाश्रम के वैभव को पुन: स्थापित करने के लिए कण्वाश्रम विश्वविद्यालय बनाने की मांग की। गोष्ठी को नागरिक मंच के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश नैथानी, शैल शिल्पी विकास संगठन के अध्यक्ष विकास आर्य, सुधीर बहुगुणा, राजाराम अणथ्वाल, प्रधानाचार्य मनवर लाल भारती, महेन्द्र अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण भट्ट, राजेन्द्र जजेड़ी, गुड्डू सिंह चौहान, मुन्ना लाल मिश्रा, जगमोहन सिंह बिष्ट आदि ने भी सम्बोधित किया। गोष्ठी में सुदीप बौंठियाल, अनुज कोटनाला, रिपुदमन सिंह बिष्ट आदि शामिल थे।