कोटद्वार में धूमधाम से मनाई गुरूनानक देव की जयन्ती
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार में सिख समुदाय द्वारा श्री गुरु नानक देव जी की 551वीं जयंती धूमधाम के साथ सोमवार को मनाई गई। गोविन्द नगर में गुरुद्वारे को आकर्षक विद्युत सज्जा एवं फूल माला के साथ काफी सुंदर तरीके से सजाया गया।
सोमवार को श्री गुरू नानक देव जी की 551वीं जयन्ती के अवसर पर गोविन्द नगर स्थित गुरूद्वारा में श्री अखण्ड पाठ साहब रखा गया। इस दौरान कीर्तन भजन किये गये। इस मौके पर मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक एवं काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने गुरूद्वारा में मत्था टेका। काबीना मंत्री डॉ. रावत को गुरूद्वारा कमेटी ने सरोपा भेंटकर सम्मानित किया। हेड ग्रंथि लखविंदर सिंह ने कीर्तन दरबार लगाया गया। उन्होंने गुरुनानक देव की जीवनी पर प्रकाश डाला। अंत में गुरु लंगर में प्रसाद का वितरण किया गया। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रकाश पर्व गुरु नानक जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। गुरु नानक की बातों का हम सभी को अनुसरण करना चाहिए व आपसी सहयोग बनाए रखें। इस अवसर पर गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान देवेन्द्र सिंह, सचिव अश्वनी कुमार भाटिया, उप प्रधान महेश भाटिया, गौरव भाटिया, गोल्डी, राकेश आहूजा, राजू छाबड़ा, संदीप आदि उपस्थित रहे।
वहीं आर्य गिरधारीलाल महर्षि दयानंद ट्रस्ट कोटद्वार की बैठक पदमपुर सुखरौ स्थित कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में श्री गुरु नानकदेव जी की जयन्ती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी गई।
समाजसेवी सत्यप्रकाश थपलियाल ने कहा कि श्री गुरुनानक देव जी के संदेश आज भी सर्वाधिक प्रासंगिक हैं। कैप्टन पीएल खंतवाल ने कहा कि देश की आजादी में सिख समुदाय का बहुत बड़ा योगदान रहा है, लाखों ने अपनी सहादत दी। शैलशिल्पी विकास संगठन कोटद्वार के अध्यक्ष शिव कुमार, संयोजक विकास आर्य ने कहा कि जहां तक समाजसेवा का प्रश्न है गुरुनानक देव जी के अनुयायियों का बहुत बड़ा योगदान है, दीन दु:खियों, अनाथों, विकलांगों आदि का पेट उनके 24 घंटे चलने वाले लंगर से ही भरता है और उनको छत मिलती है। ट्रस्ट के अध्यक्ष समाज सेवी सुरेंद्र लाल आर्य ने कहा कि बाढ़, भूकंप, सूखा आदि प्राकृतिक आपदाओं में वे ही सबके खेवनहार होते है, कोरोना जैसे महामारी में उन्होंने सहायता का हाथ बढ़ाया है, वे निष्पक्ष सेवा करते है। उन्होंने कहा कि जगह-जगह गुरुद्वारों का निर्माण होना चाहिये ताकि कोई भूखा न सोये। इस अवसर पर जगमोहन भारद्वाज, विकास आर्य, आर्य समाज ध्रुवपुर के पूर्व प्रधान शूरबीर खेतवाल, वीरेंद्र देवरानी आदि मौजूद थे।