कोटद्वार में जर्जर सड़कें खोल रही विकास की पोल

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बरसात में लोगों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। एक ओर सरकार की ओर से विकास को लेकर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़कें गांव के विकास की पोल खोल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क काफी जर्जर होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोटद्वार में अधिकांश सड़कें बारिश के मौसम में जर्जर हाल में है। जिन पर चलना मुश्किल हो रहा है। इन सड़कों पर चलने से जहां सड़क दुर्घटना का खतरा बना हुआ है, वहीं वाहन भी खराब हो रहे है। कोटद्वार शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकांश सड़कें काफी जर्जर है। जिस कारण इन सड़कों पर आये दिन कोई न कोई दुर्घटनाएं होती रहती है। सड़क के विभिन्न स्थलों में छोटे-बड़े गड्ढे उभर आये हैं। खासकर बारिश के दिनों में बरसात का पानी जमा हो जाने के कारण सड़कें तलाबनुमा बन जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों के सड़कों की स्थिति खराब होने के कारण लोगों को बाजार आने में काफी कठिनाई होती है। विभिन्न सामाजिक संगठन सहित सामाजिक कार्यकर्ता पिछले काफी समय से प्रदेश सरकार से सड़कों की मरम्मत करने की मांग कर रहे है, इसके बावजूद भी सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों को दुरुस्त करने के लिए किसी प्रकार की कोई ठोस पहल नहीं की गयी है। इस कारण लोग जर्जर सड़कों से प्रतिदिन आवाजाही करने को विवश हैं।
रतनपुर-सनेह मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे होने से लोगों को इस मार्ग से गुजरने में काफी परेशानी होती है। मार्ग पर बरसात के दिनों में गड्ढों में पानी भरने के साथ ही कीचड़ फैल जाता है। सनेह क्षेत्र का यह मुख्य मार्ग है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग इस मार्ग से आवाजाही करते है, लेकिन मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे होने से लोगों के लिए इस मार्ग पर चलना मुश्किल हो रखा है। स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से जल्द से जल्द इस मार्ग की मरम्मत कराने की मांग की है। यही हाल गाड़ीघाट-विकासनगर मार्ग के भी बने हुए है। स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत का कहना है कि क्षेत्र के सभी क्षतिग्रस्त मार्गों के सुधारीकरण के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है। बरसात के बाद सुधारीकरण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

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