कोटद्वार में पटाखा बाजार सजा, कम रही रौनक
कोटद्वार। कोटद्वार में पटाखा बाजार सजा लेकिन शाम तक काफी कम रौनक रही। उधर, मिट्टी के दिए और दूसरे सामान बेचने की उम्मीद में बैठे कुम्हारों की दुकानें भी सूनी पड़ी रही।
प्रशासन की ओर से इस बार बाजार में पटाखा की दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी गई है। जिस कारण बाजार में कहीं भी पटाखा की दुकानें नहीं लग पाई है। प्रशासन की ओर से इस बार बदरीनाथ मार्ग पर एसबीआई के पास और प्रगति मैदान शिब्बूनगर में पटाखा लागने की अनुमति दी गई है। बदरीनाथ मार्ग और प्रगति मैदान में पटाखा की दुकानें सज गई है। हालांकि इस बार पटाखा लाइसेंस के लिए बहुत ही कम संख्या में लोगों ने आवेदन किया है। सूत्रों की मानें तो बदरीनाथ मार्ग के लिए केवल 40 लोगों ने आवेदन किया है। शुक्रवार को छोटी दीपावली के अवसर पर बदरीनाथ मार्ग पर पटाखा की दुकानों पर लोगों की खरीददारी की। कोरोना महामारी ने इस साल हर किसी को परेशान किया है। शादी, ब्याह, सगाई के कार्यक्रम हों या फिर त्योहार, सभी पर इसका असर पड़ा है। अब लॉकडाउन के बाद शुरू हुए अनलॉक में कारोबारियों को दीपावली पर अच्छी दुकानदारी होने की उम्मीद थी। छोटी दीपावली के दिन कारोबारियों की उम्मीद टूटती दिखी। बाजार में भीड़ तो काफी रही, पर नगर से सटाकर लगाए गए पटाखा बाजार में बहुत कम दुकानदारी हुई। पटाखा व्यापारी ने बताया कि इस बार पिछले साल के मुकाबले काफी मात्रा में पटाखें बिका है। ऐसे में पटाखों का बड़ा स्टॉक बाकी बचने की आशंका लग रही है। लोग अभी भी केवल जरुरी सामान ही खरीद रहे हैं। पहले दीवाली पर पटाखे, बिजली के बल्ब वाली लड़ियों की बंपर बिक्री होती थी लेकिन इस साल इनकी दुकानदारी बहुत कम है।
भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंसिंग फेल
कोटद्वार। धनतरेस पर भारी भीड़ को काबू करना पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती भरा रहा। भारी भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी। इसके अलावा कई लोग बिना मास्क के ही आवाजाही करते दिखाई दिए। शुक्रवार को धनतेरस की खरीदारी करने के लिए बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बाजार में लोगों के खड़े होने तक के लिए जगह नहीं बची। हालत यह थी कि लोग खरीदारी के चक्कर में कोरोना संक्रमण को भूल गए। इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाया। इधर लोगों के लिए वाहनों को पार्क करना मुसीबत बना रहा।