कृषि विधेयकों के विरोध में हरसिमरत कौर का कैबिनट से इस्तीफा, पर अकाली दल एनडीए सरकार को समर्थन देता रहेगा
नई दिल्ली। संसद में लाए गए कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में कहा था कि हरसिमरत कौर इस्तीफा देंगी।
हरसिमरत कौर ने ट्विटर पर इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा, श्मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है।
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृ षि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए सुखबीर बादल ने कहा था, शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है।
निचले सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए सुखबीर सिंह बादल कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने कभी भी यू-टर्न नहीं लिया। बादल ने कहा, हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथी हैं। हमने सरकार को किसानों की भावना बता दी। हमने इस विषय को हर मंच पर उठाया। हमने प्रयास किया कि किसानों की आशंकाएं दूर हों लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने अन्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पंजाब में लगातार सरकारों ने षि आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिये कठिन काम किया लेकिन यह अध्यादेश उनकी 50 साल की तपस्या को बर्बाद कर देगा। अकाली दल नेता ने लोकसभा में कहा था कि मैं घोषणा करता हूं कि हरसिमरत कौर बादल सरकार से इस्तीफा देंगी। गौरतलब है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं। अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है।