कृषि में आत्मनिर्भरता, सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं : नरेंद्र मोदी
झांसी,एजेंसी। उत्तर प्रदेश में पिछड़ेपन का दंश झेल रहे बुंदेलखंड को केंद्र की नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मुख्यधारा में लाने के प्रयास में हैं। इसी क्रम में शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कालेज और प्रशासन भवनों का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि कभी रानी लक्ष्मीबाई ने बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी- मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। आज एक नई गर्जना की आवश्यकता है, मेरी झांसी-मेरा बुंदेलखंड। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए अब झांसी का यह षि विश्वविद्यालय पूरी ताकत लगा देगा, एक नया अध्याय लिखेगा। यह तो तय है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए कृषि की बहुत बड़ी भूमिका की है। उन्होंने कहा कि कृषि में स्टार्ट अप के नये-नये रास्ते खुल रहे हैं। अब तो बीज से लेकर बाजार भी तकनीक पर आधारित हैं। कृषि क्षेत्र में भी अब तकनीक के प्रयोग से फसल में इजाफा होने से किसान भी पहले से बेहतर की स्थिति में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हमारी सरकार का प्रयास तो कृषि में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है। जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तैयार होने वाले हैं। जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो यह सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है। बल्कि ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है। यह देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाजारों में पहुंचाने का मिशन है। उन्होंने कहा कि षि में स्टार्ट अप के नये-नये रास्ते खुल रहे हैं। अब तो बीज से लेकर बाजार भी तकनीक पर आधारित हैं। कृषि क्षेत्र में भी अब तकनीक के प्रयोग से फसल में इजाफा होने से किसान भी पहले से बेहतर की स्थिति में हैं। कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है। जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तैयार होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि से जुड़ी शिक्षा को, उसकी प्रेक्टिकल एप्लीकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना भी आवश्यक है। हमारी सरकार का प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही षि के विषय को लागू किया जाए। इससे दो लाभ होंगे। एक लाभ तो ये होगा कि गांव के बच्चों में खेती से जुड़ी जो एक स्वभाविक समझ होती है, उसका विस्तार होगा। दूसरा लाभ यह होगा कि वो खेती और इससे जुड़ी तकनीक, व्यापार-कारोबार के बारे में अपने परिवार को ज्यादा जानकारी दे पाएगा। ड्रोन टेक्नलजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नलजी हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की षि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा शोध करने वालों के साथ युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा। सरकार आप को सभी सुविधा देने को तैयार है।उन्होंने कहा कि छह वर्ष पहले जहां देश में सिर्फ एक केंद्रीय कृषि विश्विद्यालय था, आज तीन केंद्रीय एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज देश में काम कर रही हैं। इसके अलावा तीन और राष्ट्रीय संस्थान आइएआरए झारखंड, आइएआरए असोम तथा बिहार के मोतीहारी में महात्मा गांधी इंट्रीग्रेटेड फार्मिंग की स्थापना की जा रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि बीती मई में देश के साथ बुंदेलखंड में टिड्डी दल का हमला हुआ था। देश के दस से ज्यादा राज्य इससे प्रभावित हुए थे। जिस तेजी से ये फैल रहा था उसमें पारंपरिक माध्यमों से इस पर काबू पाना मुश्किल था। इतने बड़े हमले को भारत ने वैज्ञानिक तरीके से संभाला है। यह बहुत बड़ा काम हुआ है। ऐसे काम पूर्व नियोजित नहीं होते हैं, इनसे हमें आपदा से निपटने की अपनी क्षमता का भी पता चलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे हो या फिर डिदेंस करीडोर, हजारों करोड़ रुपए के यह प्रोजेक्ट यहां रोजगार के हजारों अवसर बनाने का काम करेंगे। वो दिन दूर नहीं जब वीरों की ये भूमि, झांसी और इसके आसपास का यह क्षेत्र देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा सेंटर बनेगा। एक तरह से बुंलेदखंड में जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ बुंदेलखंड के लोग भी डटे हुए हैं।सरकार ने भी प्रयास किया है कि लोगों को कम से कम दिक्कत हो। गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए यूपी के करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। बुंदेलखंड की करीब-करीब 10 लाख गरीब बहनों को इस दौरान मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए हैं। लाखों बहनों के जनधन खाते में हजारों करोड़ रुपए जमा किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में 700 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च अब तक किया जा चुका है। जिसके तहत लाखों कामगारों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। मुझे बताया गया है कि इस अभियान के तहत यहां बुंदेलखंड में भी सैकड़ों तालाबों को ठीक करने और नए तालाब बनाने का काम किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब यह तैयार हो जाएंगी तो इससे बुंदेलखंड के लाखों परिवारों को सीधा लाभ होगा। इतना ही नहीं, बुंदेलखंड में, भूजल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए अटल भूजल योजना पर भी काम चल रहा है। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखंड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्घ करने के लिए प्रतिबद्घ है।
नई दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग से झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय षि विश्वविद्यालय और प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास से तथा सांसद व विधायकगणों ने भी अपने-अपने क्षेत्र से कार्यक्रम में भागीदारी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को झांसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। उन्होंने नई दिल्ली में पीएम आवास से ही बटन दबाकर झांसी को राष्ट्रीय महत्व की इस संस्था की सौगात दी। इस दौरान वर्चुअल सभा को पीएम मोदी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय षि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सम्बोधित किया। इस कार्यक्रम में देशभर के 50 हजार लोग अनलाइन शामिल थे।
झांसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृ षि विश्वविद्यालय के लोकार्पण को लेकर कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन लम्बे समय से प्रयास कर रहा था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 15 फरवरी, 2019 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झांसी आए तब लोकार्पण की सूची में कृषि विश्वविद्यालय का नाम शामिल किया गया, लेकिन बिल्डिंग का कुछ काम अधूरा होने की वजह से नाम हटा दिया गया। इसके बाद 24 अप्रैल, 2020 को पीएम मोदी के झांसी आगमन का कार्यक्रम तय हुआ। वह पंचायती राज दिवस के भव्य आयोजन में शामिल होने आ रहे थे। इस दौरान भी पीएमओ ने षि विश्वविद्यालय के लोकार्पण पर सहमति जता दी। दिल्ली से एक टीम ने झांसी आकर कार्यक्रम स्थल का चयन तक कर लिया, लेकिन कोरोना महामारी के कारण लकडाउन की घोषणा हो गई और कार्यक्रम टल गया।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ अरविन्द कुमार ने बताया कि वर्चुअल सभा भी होगी, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह सम्बोधित करेंगे। इस दौरान देशभर के आईसीएआर के सभी 101 संस्थान, 75 कृषि विश्वविद्यालय, 721कृषि विज्ञान केंद्र से लगभग 50 हजार लोग कार्यक्रम में अनलाइन शामिल थे।
झांसी में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना करने की प्रक्रिया भले ही वर्ष 2009 में शुरू हुई, लेकिन राजनीतिक गलियारों से जूझने के बाद 5 मार्च, 2014 को गजट नोटिफिकेशन हो गया। इसके बाद जमीन को लेकर लम्बा प्रयास किया गया। नवंबर, 2017 में बिल्डिंग का निर्माण शुरू हुआ।