कृषि विधेयकों पर अंतिम मुहर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी से बने कानून
नई दिल्ली, एजेंसी । कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को राज्यसभा में पिछले रविवार को पेश किया गया। इससे पहले, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को लोकसभा से करवाया गया था। तीनों बिलों को लेकर संसद में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने हंगामा किया था।
बिलों पर वोटिंग के दौरान राज्यसभा में अभूतपूर्व हंगामा हुआ। टीएमसी सांसद डेरेक ओश्ब्रायन सहित विपक्ष के कई नेताओं ने बिल की कपी फाड़ दी और आसन के माइक को भी तोड़ डाला था। इसके बाद, राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने आठ सांसदों को सत्र के लिए निलंबित कर दिया।
संसद से सड़क तक बिलों का विरोध
संसद से लेकर सड़क तक तीनों बिलों का विरोध हो रहा है। हरियाणा, पंजाब में किसानों ने मोर्चा संभाला हुआ है तो वहीं, अन्य दल भी विरोध कर रहे हैं। किसान सरकार से बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। पंजाब के अमृतसर में किसान रेल रोको प्रदर्शन के तहत रविवार को अमृतसर-दिल्ली रेलमार्ग पर जमे रहे। पटरी पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के लिए आसपास के गांवों के लोग खाना और अन्य सामान पहुंचा रहे हैं। नजदीक के गुरुद्वारे प्रदर्शनकारियों के लिए लंगर भी लगा रहे हैं।