आठवीं सूची में शामिल हो कुमाउंनी भाषा

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बागेश्वर। राष्ट्रीय कुमाउंनी भाषा, संस्कृतिक एंव साहित्य प्रचार समिति की यहां हुई बैठक में भाषा के प्रचार और प्रसार पर बल दिया। वक्ताओं ने इसे आठवीं सूची में शामिल करने पर जोर दिया। निजी स्कूलों में भी भाषा की गतिविधि बढ़ाने पर जोर दिया। कपकोट के लिए चरण सिंह बघरी और बागेश्वर के लिए केशवानंद जोशी को संयोजक बनाया गया। प्रेस क्लब सभागार में रविवार को हुई बैठक में कुमाउंनी भाषा के संरक्षण और संवर्द्धन पर जोर दिया। शिक्षा के माध्यम से भाषा को बढ़ावा देने तथा राजनैतिक प्रयास कर इसे आठवीं सूची में शामिल करने पर जोर दिया। लोगों से कुमाउंनी भाषा को बोलचाल की भाषा में अधिक उपयोग करने पर जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि नई पीढ़ी के कई लोग अपनी भाषा ही भूलते जा रहे हैं। यह चिंता का विषय है। अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ नागिरक मंच के अध्यक्ष दलीप खेतवाल ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों से घर में कुमाउंनी भाषा में बात करें। उन्हें भाषा के महत्व के बारे में भी बताएं। तभी इसका विकास होगा। सुनीता टम्टा को सह संयोजक बनाया गया। डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी, नवल किशोर टम्टा, डॉ. राजेंद्र परिहार, रमेश पर्वतीय, गणेश कांडपाल, इंद्र सिंह परिहार, रमेश पांडेय कृषक आदि ने भी विचार रखे। जिला संयोजक किान सिंह मलड़ा ने सभी के सहयोग के प्रति अभार जताया। भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस मौके पर राजेंद्र पूना, जितेंद्र तिवारी, घनानंद जोशी, सीमा खेतवाल, चंदन सिंह मलड़ा, शैलेंद्र सिंह चौहान, दान सिंह बोरा, राजेश पांडे, किशन राम, हीरा राम, पूरन चंद्र टम्टा आदि मौजूद रहे।

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