नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर केवी में हुई चर्चा
नई टिहरी। केंद्रीय विद्यालय नई टिहरी में नई शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न बोर्डों से जुड़े शिक्षा अधिकारियों ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन, उद्देश्य व प्रभावों को लेकर वृहत जानकारी देते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति का मकसद आने वाली जनरेशन को लोकल से ग्लोबल तक ले जाने का है। केंद्रीय विद्यालय के पुस्तकालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में केवी के प्रधानाचार्य प्रदीप थपलियाल, डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक रतूड़ी, एनटीआईएस के गौतम विष्ट, अध्यापिका अनुपमा आदि ने संयुक्त रूप से पत्रकारों को बताया कि नई शिक्षा नीति से लागू हो चुकी है। विभिन्न बोर्डों व राज्यों में इस शिक्षा नीति के तहत जरूरतों के हिसाब से परिवर्तन भी शुरू हो चुके हैं। आने वाले समय में शिक्षा नीति में 38 सालों बाद हुए आमूल-चूल परिवर्तनों का प्रभाव देखने को मिलेगा। टन प्लस टू प्रणाली को बदलते हुए अब फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर पद्घति को लाया गया है। जिससे शुरूआती कक्षाओं में बच्चों का बोझ कम होने के साथ ही व्यवसाय परक शिक्षा की ओर भी फोकस किया जायेगा। इस शिक्षा नीति में वसुदेव कुटुम्बम की भावना को आगे बढ़ाने पर भी बल दिया गया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में इस नीति की ताकत को विश्व मान रहा है औ वसुदैव कुटुम्ब की भावना पर काम कर रहा है। 2030 तक नई शिक्षा नीति को पूरे देश में आत्मसात कर लिया जायेगा। जिसके बाद एक नई दौर की शिक्षा का प्रभाव पूरे देश में होगा।
नई शिक्षा नीति में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, वैश्विक ज्ञान, प्रतिभाओं को उभारना, वैज्ञानिक सोच को बनाना, क्रियेटिविटी पर फोकस, आत्मविश्वास विकसित करना सहित तमाम गुणों के विकास पर फोकस करना है। शिक्षा को बोझ के बजाय मनोरंजक तरीक से इसे जीवन के उद्श्यों से जोड़ते हुए शिक्षा से जीवन को सरल और सहज बनाना रहेगा। देश में नई शिक्षा नीति को लेकर पीएम मोदी सहित केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और तमाम शिक्षाविद् काम कर रहे हैं। इसमें अध्यापकों के ओरियनटेंशन के लिए व्यापक प्रोग्राम दीक्षा पोर्टल के माध्यम से चलाये जा रहे हैं।