मोदी और गहलोत के बीच में आया लड्डू कांड! कहीं इसीलिए तो नहीं हटाया मुख्यमंत्री का संबोधन
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री के सीकर दौरे को लेकर राजस्थान में सियासत शुरू हो गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि पीएमओ ने इस कार्यक्रम के दौरान उनका पूर्व निर्धारित संबोधन हटा दिया है। मुख्यमंत्री गहलोत के इस ट्वीट के बाद पीएमओ ने जवाब दिया और उसके बाद फिर अशोक गहलोत ने भी उस पर जवाब दिया। ट्वीट के माध्यम से हुए इस वादविवाद के दौरान सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि कहीं पीएम मोदी और अशोक गहलोत के बीच में वह पुराना ‘लड्डू’ तो नहीं शामिल हो गया, जिसके बारे में इसी साल अप्रैल में प्रधानमंत्री मोदी ने अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए कहा था। चूंकि माहौल चुनाव का है। इसलिए अशोक गहलोत कोई भी मौका नहीं देना चाहते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और उनके बीच होने वाले मंच के भाषण या वार्तालाप के सियासी मायने निकाले जाएं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजस्थान में शुरू हुई है सियासत के कई मायने हैं। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक देवेंद्र पांधी कहते हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय और अशोक गहलोत के बीच में हुए ट्विटर वार के पीछे दरअसल कहानी कुछ और ही नजर आ रही है। वह कहते हैं कि इसी साल राजस्थान में अप्रैल के महीने में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जमकर तारीफ की थी। उस तारीफ के बाद राजस्थान के सियासी गलियारों में तमाम तरह के मायने निकाले जा रहे थे। पांधी कहते हैं कि अब राजस्थान में विधानसभा के चुनाव बहुत नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में अगर फिर से प्रधानमंत्री के मंच से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए कुछ तारीफें होती हैं, या बातचीत होती है तो निश्चित तौर पर चुनाव में उसका असर भी पड़ सकता है।
दरअसल अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अप्रैल में हुए कार्यक्रम में उद्घाटन के दौरान कहा था कि आपके दोनों हाथों में लड्डू है। देश के रेल मंत्री राजस्थान के हैं और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी राजस्थान के हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा था कि जो काम आजादी के तुरंत बाद होने चाहिए थे वे अबतक नहीं हो पाए। लेकिन आपने मुझ पर इतना भरोसा जताया कि वह काम आपने मेरे सामने रखे हैं। मोदी ने इस दौरान यह भी कहा था कि आपका यह विश्वास हमारी मित्रता की सबसे बड़ी ताकत भी है। प्रधानमंत्री मोदी ही नहीं बल्कि अशोक गहलोत भी प्रधानमंत्री मोदी के कसीदे पढ़ने में पीछे नहीं रहे हैं। पिछले साल एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी को विदेश में खूब सम्मान मिलता है। गहलोत ने इसके पीछे तर्क दिया था क्योंकि वह जिस देश के प्रधानमंत्री हैं, वह महात्मा गांधी का देश है जहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं और 70 साल के बाद भी लोकतंत्र मजबूती से खड़ा हुआ है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चुनाव के दौर में तारीफों के कई बार मायने सियासी होते हैं। इसीलिए ज्यादातर ऐसे राजनीतिक माहौल में दो अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टी के बड़े नेता एक मंच पर आने से बचते हैं। इसकी असली वजह यही होती है कि कहीं दोनों के बीच में की गई बातचीत या मंच से दिए गए भाषण का कोई मतलब सियासी तौर पर कुछ और ना निकाला जाए। राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हरीश शर्मा कहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी दौर में इस तरीके की कोई भी सियासी गलती नहीं करना चाहते हैं, जिसका मतलब कुछ और निकल सके। वह कहते हैं कि पिछली बार किस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अशोक गहलोत की प्रशंसा की थी और दोनों हाथों में लड्डू की बात कही थी। उसके सियासी मायने ना सिर्फ राजस्थान की राजनीति बल्कि देश के सियासी गलियारों में भी बहुत निकाले गए थे।
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला है। अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी आज आप राजस्थान पधार रहे हैं। आपके कार्यालय पीएमओ ने मेरा पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया है। इसलिए मैं आपका भाषण के माध्यम से स्वागत नहीं कर सकूंगा। ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहे दिल से स्वागत करता हूं। पीएमओ ने भी इसका जवाब दिया है। आज हो रहे 12 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण और शिलान्यास राजस्थान सरकार व केंद्र की भागीदारी का परिणाम है। इन मेडिकल कॉलेजों की परियोजना लागत 3,689 करोड़ रुपये है, जिसमें 2,213 करोड़ केंद्र का और 1,476 करोड़ राज्य सरकार का अंशदान है। मैं राज्य सरकार की ओर से भी सभी को बधाई देता हूं।