डांगी गांव का लाल हर्ष चौहान सेना में बना अधिकारी
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : पहाड़ की माटी सौंधी की महक का क्या कहने यहां की माटी ऐसे पुष्प खिलाती है। जिनकी महक सात समुंदर पार भी महक उठती है। यह बात ठीक है कि पहाड़ जैसी प्रतिभा भी समय-समय पर निखरती रहती है। कल्जीखाल ब्लॉक के मूल रूप से डांगी गांव एवं वर्तमान में लैन्सडौन निवासी हर्ष चौहान ने भारतीय सेना में सेनाधिकारी बनकर पैतृक गांव डांगी व लैन्सडौन ही नहीं बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है।
पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड कल्जीखाल के मूल रूप से डांगी गांव के निवासी हर्ष चौहान शनिवार को देहरादून भारतीय सेना अकादमी में पास आउट होकर भारतीय सेना में सेना अधिकारी बनकर देश रक्षा की पहली पंक्ति में खड़ा हो गया है। हर्ष के दादा स्वर्गीय डॉ. रणवीर सिंह चौहान साहित्य जगत में एक बड़ा नाम था। वहीं हर्ष के प्रदादा कभी लैन्सडौन में प्रसिद्ध स्वर्णकार हुआ करते थे, जबकि हर्ष चौहान के पिताजी स्वर्गीय अतुल चौहान एक शिक्षक थे जो अल्प आयु में ही इस संसार से विदा हो गए। डॉ. रणवीर सिंह चौहान का आशीर्वाद और शिक्षिका रीना चौहान माता का सानिध्य में हर्ष के माथे पर देश भक्ति का जज्बा बचपन से ही झलका था। हर्ष की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा 5वीं तक कॉन्वेंट स्कूल लैंसडौन में हुई और उच्च माध्यमिक शिक्षा 12वीं तक एमडीएस विद्यालय ऋषिकेश में हुई। हर्ष की माता वर्तमान में राजकीय प्राथमिक विद्यालय गुमखाल में कार्यरत है। हर्ष चौहान के चाचा अशीष चौहान भी शिक्षक पद पर कार्यरत है। समाजिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी बताते है कि अपने स्वर्गीय दादा डॉ. रणवीर सिंह चौहान की तरह हर्ष चौहान को भी अपनी गांव की माटी और प्राकृतिक सौंदर्य से बहुत लगाव है। वह स्कूल की छुट्टियों में अपने चाचा के साथ अक्सर गांव आता रहता था। एनडीए में प्रशिक्षण के दौरान दो बार अपने दोस्तों के साथ गांव आकर अपनी कुलदेवी एवं गांव के बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया।