सनातन महापरिषद भारत ने उठाई लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग निर्माण की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सनातन महापरिषद भारत के संगठन उपाध्यक्ष सीएम पांडेय ने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र के बेहतर विकास के लिए लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का निर्माण आवश्यक है। कहा कि यह मार्ग कोटद्वार को सीधे देहरादून राजधानी से जोड़ेगा। गढ़वाल के युवाओं को उद्योग व रोजगार दिलवाने के लिए भी यह मार्ग संजीवनी बनेगा। कहा कि परिषद ने इस संबंध में कुछ दिन पूर्व ही गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी से मुलाकात की। सांसद ने परिषद को जल्द ही मार्ग के संबंध में सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
सीएम पांडेय ने कहा कि क्षेत्रीय जनता दशकों से मार्ग निर्माण की मांग उठा रही है। मार्ग बनने के बाद गढ़वाल की जनता को देहरादून जाने के लिए उत्तर प्रदेश से घूमकर नहीं जाना पड़ेगा। बल्कि उनके पास स्वयं का एक मार्ग होगा। यह मार्ग गढ़वाल में पर्यटन का हब बनेगा। साथ ही ग्रोथ सेंटर में फैक्ट्रियों को भी इससे संजीवनी मिलेगी। बताया कि कुछ दिन पूर्व जब संगठन के सदस्यों ने दिल्ली में गढ़वाल सांसद से मुलाकात की तो उन्होंने मार्ग निर्माण के लिए कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने सनातन महापरिषद का आजीवन संरक्षक रहने का भी पत्र दिया है। उन्होंने पूरे भारत में परिषद की ओर से किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। बताया कि सनातन महापरिषद कण्वाश्रम के बेहतर विकास को लेकर भी प्रयास कर रहा है। इस संबंध में परिषद ने कुछ माह पूर्व ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी। जिसमें महापरिषद को सकारात्मक जवाब मिला है। कहा कि महापरिषद उत्तराखंड के हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ को लेकर भी सरकार के साथ कांधे से कांधा मिलाकर कार्य करेगा। इसके लिए बकायदा महापरिषद की विशेष टीमें भी गठित की जाएंगी। महापरिषद भारत की संगठन मंत्री कंचन सुंडली ने कहा कि उत्तराखंड में मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए भी महापरिषद गंभीरता से कार्य कर रही है।
डा. आरके धीमान को किया सम्मानित
सनातन महापरिषद भारत समय-समय पर सामाजिक कार्यों में जुटे लोगों को भी सम्मानित करता है। सीएम पांडेय ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही परिषद ने पद्मश्री डा.आरके धीमान को कर्म विभूषण अवार्ड प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान महापरिषद के अध्यक्ष भवान सिंह रावत भी मौजूद थे। भवान सिंह रावत ने कहा कि परिषद का मुख्य उद्देश्य सनातन संस्कृति व सभ्यता को आगे बढ़ाना है।