देहरादून। उत्तराखंड के गैरसैंण में भारतीय रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की तीसरी यूनिट खोले जाने को लेकर जमीन का पेच दूर नहीं हो पा रहा है। तीन साल बीत जाने के बाद भी कवायद परवान नहीं चढ़ पा रही है। जबकि इस विषय में केंद्र सरकार की ओर से भूमि की डिमांड संबंधी पत्राचार लगातार किया जा रहा है। शासन के निर्देश पर चमोली जिला प्रशासन ने तीसरी बार भूमि संबंधी प्रस्ताव भेजा, लेकिन शासन ने इसमें तमाम कमियां बताते हुए लौटा दिया।
बता दें कि वर्ष 2022 में तत्कालिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहाड़ में आईआरबी की पहली और उत्तराखंड में तीसरी यूनिट खोले जाने की घोषणा की थी। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया। केंद्र ने प्रस्ताव पर हामी भरी और बटालियन स्थापित करने के लिए भूमि की मांग की। तीसरी बटालियन चमोली जिले के गैरसैंण क्षेत्र में खोली जानी प्रस्तावित है।अब चमोली जिला प्रशासन ने जिस भूमि का प्रस्ताव भेजा है, वह गौचर (चारागाह) की भूमि है। जिसे शासन ने यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि गौचर की भूमि का प्रयोग केवल लोक प्रयोजन के लिए अपरिहार्य स्थितियों में ही किया जा सकता है। इसके लिए भी ग्रामसभा की खुली बैठक में प्रस्ताव पास होना चाहिए। अत: आईआरबी यूनिट के लिए गौचर से इतर अन्य किसी भूमि का चयन कर प्रस्ताव शासन को भेजा जाए। इस संबंध में अनु सचिव सुभाष चंद्र की ओर से चमोली जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है।इधर, आईजी, पीएसी नीरू गर्ग ने बताया कि केंद्र की ओर से बटालियन की स्थापना के लिए पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन बात फिलहाल भूमि का चयन पर अटकी है।