जयंती पर स्व. ललिता प्रसाद नैथानी को किया याद
साहित्यांचल संस्था की ओर से आयोजित किया गया कार्यक्रम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नोटिफाइड एरिया के प्रथम अध्यक्ष व साहित्यांचल के संरक्षक स्व. ललिता प्रसाद नैथानी की 112वीं जयंती मनाई गई। इस दौरान साहित्यांचल के सदस्यों ने नैथानी के योगदान को याद करते हुए सदैव उनके बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। साथ ही स्व. नैथानी के जीवन पर लिखी पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
सोमवार को साहित्यांचल के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश नैथानी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार डा. योगेश धस्माना, समाजसेवी सत्यप्रकाश थपलियाल व आकाशवाणी नजीबाबाद केंद्र के पूर्व केंद्र निदेशक चक्रधर कंडवाल ने स्व. ललिता प्रसाद नैथानी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वरिष्ठ पत्रकार डा. योगेश धस्माना ने कहा कि कोटद्वार के विकसित होने पर वर्ष 1950 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद बल्ल पंत ने कोटद्वार को नोटिफाइड एरिया घोषित कर दिया गया था। प्रथम अध्यक्ष के रूप में ललिता प्रसाद नैथानी को कोटद्वार की बागडोर सौंपी गई। स्व. नैथानी तत्कालीन समय में लैंसडौन से प्रकाशित कर्मभूमि पत्रिका के संपादक मंडल के सदस्य रहे। तत्पश्चात उन्होंने सत्यपथ पत्रिका का संपादन शुरू किया। वक्ताओं ने कहा कि कोटद्वार को नई दिशा देने में स्व. नैथानी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्हीं के कार्यकाल में राजकीय महाविद्यालय का नाम डा. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल के नाम पर रखा गया। साथ ही उन्होंने ही प्रसिद्ध मूर्तिकार अवतार सिंह पंवार से बुद्धा पार्क में भगवान बुद्ध की मूर्ति का निर्माण करवाया। कहा कि उन्हीं के संपर्क के कारण डा. संपूर्णानंद कोटद्वार आए व कण्वाश्रम को नई पहचान मिली। उन्हीं के आग्रह पर देश के नामचीन साहित्यकार पदमश्री बनारसी दास चतुर्वेदी, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी कोटद्वार आए थे। इस मौके पर डा. नंदकिशोर ढौंडियाल, डा. मनोरमा ढौंडियाल, शशिभूषण अमोली, सुभाष नैथानी, डा. वेदप्रकाश माहेश्वरी, डा. गणेशमणि त्रिपाठी, रिद्धि भट्ट, संतोष नैथानी, केपी नैथानी, दिनेश जुयाल, सुमन नैथानी, श्याम प्रसाद कोटनाला मौजूद रहे।