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वामपंथियों ने की सरकार से महंगाई पर नियंत्रण करने की मांग

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नईटिहरी। कमरतोड़ महंगाई के खिलाफ वामपंथी पार्टियों के देश व्यापी विरोध पखवाड़े के तहत मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुये केन्द्र की मोदी सरकार पर जनता तो महंगाई में झोंकने का आरोप लगाया। वामपंथियों ने सरकार से महंगाई पर नियंत्रण करने की मांग भी की। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वक्ताओं ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर ने जो बड़े पैमाने पर जनता पर तकलीफों और मौतों का कहर बरपा है। पहले पीड़ित जनता पर महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है। जिसे सरकार को नियंत्रित करना चाहिए। वामपंथियों ने मांग करते हुये कहा कि सरकार का तत्काल पेट्रोल-डीजल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्कों में की गई जनविरोधी बढ़ोतरी वापस लेनी चाहिए। रसोई गैस की सब्सिडी बहाल करने, खाने के तेल में वृद्धि को नियंत्रित करने, हर व्यक्ति को 10 किलो मुफ्त राशन देने, आयकर की सीमा से नीचे के परिवारों को अगले छ: माह तक 7500 की आर्थिक मदद प्रति माह देने, सबके लिए तेजी से मुफ्त टीकाकरण देना, रोजगार गारंटी में 200 दिन के काम की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करना चाहिए। कम्यूनिस्टों का यह भी कहना है कि बीते अप्रैल-मई के महीनों में दो करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार छिना है। पेट्रोल-डीजल के दामों में केंद्रीय उत्पाद करों में भारी वृद्धि के चलते देश में खाद्यान्न सामग्री भी निरंतर महंगी हो रही है। जिससे जनता बुरी तरह से त्रस्त है। रसोई गैस की सब्सिडी लगभग बंद कर दी गई है। आम लोगों को राहत देने के लिए सब्सिडी जारी की जानी चाहिए। विरोध-प्रदर्शन में कम्यूनिस्टों में राज्य कमेटी के सदस्य भगवान सिंह राणा, जिला कमेटी के सदस्यगण बिशाल सिंह राणा, दिला राणा सहित दर्जनों शामिल रहे।

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