नई टिहरी : टिहरी वन प्रभाग के डीएफओ पुनीत तोमर ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने मानव वन्य जीव संघर्ष राहत वितरण नियमावली के तहत असत्य एवं अपुष्ट तथ्यों के आधार पर आवेदन किया, तो ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जायेगी। बताया कि कुछ लोग घटनाओं को जान-बुझकर वन्य जीवों के हमले से जोड़ने का काम किया गया है। जिससे भ्रामक सूचनाओं का भी प्रसार हो रहा है। यह लोग भ्रामण सूचनाओं का प्रसारण मीडिया व सोशल मीडिया में कर रहे हैं। आम जनमानस के सहयोग से ही मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं का प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है। इसलिए अधिकृत एवं सत्यापित सूचनाओं पर ही विश्वास कर प्रसारण करें। डीएफओ ने पौखाल रेंज के तहत भालू की हमले की घटना के मामले में स्पष्ट किया कि वहां पर भालू के हमले से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। मौत का कारण मगरौं स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर के अनुसार छाती में पेन होने के कारण रैफर किया गया था। व्यक्ति के शरीर पर जंगली जानवर के कोई भी निशान नहीं थे। लेकिन घटना को कुछ लोग मानव वन्य जीव संघर्ष से जोड़ने का काम कर रहे हैं। ऐसे मामलों में वन विभाग सख्त कार्यवाही करेगा। (एजेंसी)